First Day , First Show; Film Review Pathan: मान या न मान, मैं तेरा ‘पठान’

First Day , First Show; Film Review Pathan: मान या न मान, मैं तेरा ‘पठान’

यशराज फिल्म्स की ‘पठान’ में कुछु कुछु नहीं होता, केवल धूम धड़ाका, सूं-सां, फाइटिंग, रेस, मार पिटाई, यातना, बम विस्फोट आदि होते रहते हैं। और वह भी भारत के अलावा यूएई, फ़्रांस, रूस, स्पेन, अफगानिस्तान और साइबेरिया में। इत्ती सुन्दर जगहों पर जाकर हीरो लड़ता है तो अफ़सोस होता है। यशराज वाले पहले नफरत के बाजार में मोहब्बत की फ़िल्में बनाते थे और अब लड़ाई पर उतारू हो गए हैं। गन्दी बात ! यह नाच-गाने पर केंद्रित नहीं, एक्शन पर केंद्रित फिल्म है, जिसमें एक्शन, एक्शन और एक्शन ही है। ऐसे एक्शन सीक्वेंस पहले किसी हिंदी फिल्म में नहीं देखे! अगर आप एक्शन फिल्मों के शौकीन हैं तो निश्चित ही आपको मज़ा आएगा।

यह रोमांटिक हीरो शाहरुख खान की एक्शन पैक्ड फार्मूला फिल्म है। सेना, देश प्रेम, अनाथ बच्चे ,इंसानियत, इंतकाम, जासूसी के बीच बेचारी दीपिका भी एक्शन पर उतारू लगी। इसका एक्शन ‘एक था टाइगर’, ‘टाइगर जिंदा है’, ‘वार’ से आगे का है जो वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स का प्रोडक्ट है। यह हिंदी पहली फिल्म है जिसे आईमैक्स कैमरों के साथ शूट किया गया है। जबरदस्त वीएफएक्स है। साइबेरिया की जमी हुई झील पर मोटर साइकिलों की रेस और स्केटिंग रोमांचक है। हिंदी में पहली बार देखी। – कश्मीर में अनुच्छेद 370 को प्रभावहीन बनाने से शुरू हुई कहानी “आप देश के लिए क्या करते हैं” पर जाकर ख़त्म होती है। अब बम या एटम बम का ज़माना नहीं, वॉयरस वार का ज़माना है। तो वह भी इसमें है।

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फिल्म के लेखक और निर्देशक हैं सिद्धार्थ आनंद। शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण, जॉन अब्राहम ,सलमान खान, डिंपल कपाड़िया, आशुतोष राणा प्रमुख भूमिकाओं में हैं। शाहरुख खान ने इस फिल्म के लिए ‘पौने सिक्स पैक ऐब्स’ दिखाए,जबरदस्त मेहनत की। … पर थोड़ा अजीब लगता है जब 169 सेंटीमीटर के सींकिया शाहरुख खान 182 सेंटीमीटर के हट्टे-कट्टे जॉन अब्राहम को उठा उठाकर पीटते हैं। लगा कि दीपिका और शाहरुख़ में कम्पीटिशन है कि कौन ज्यादा किड़ियल लगता है। दीपिका एसआरके से लम्बी है, इसलिए वही लगी।

यह भी लगता है कि इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों ने जरूर अमृत टाइप कुछ पिया होगा. दिन-रात मार पिटाई करते हैं, जख्मी होते हैं, गोलियां चलती रहती हैं और उनमें से कुछ लगती भी है लेकिन हमारे इन कलाकारों को कुछ नहीं होता। फटाफट ठीक हो जाते हैं. कुछ होता भी है तो डिंपल कपाड़िया और दूसरे कलाकारों को, जो मुख्य भूमिका में नहीं होते. घोर कलयुग है यह। जॉन खलनायक हैं तो उनकी मौत सुनिश्चित ही है।

पठान फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है कि आप विरोध करें। जो आपत्तिजनक रहा होगा वह फिल्म प्रमाणन (सेंसर) बोर्ड पहले ही काट चुका है ।

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी जाने-माने पत्रकार और ब्लॉगर हैं। वे हिन्दी में सोशल मीडिया के पहले और महत्वपूर्ण विश्लेषक हैं। जब लोग सोशल मीडिया से परिचित भी नहीं थे, तब से वे इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। पत्रकार के रूप में वे 30 से अधिक वर्ष तक नईदुनिया, धर्मयुग, नवभारत टाइम्स, दैनिक भास्कर आदि पत्र-पत्रिकाओं में कार्य कर चुके हैं। इसके अलावा वे हिन्दी के पहले वेब पोर्टल के संस्थापक संपादक भी हैं। टीवी चैनल पर भी उन्हें कार्य का अनुभव हैं। कह सकते है कि वे एक ऐसे पत्रकार है, जिन्हें प्रिंट, टेलीविजन और वेब मीडिया में कार्य करने का अनुभव हैं। हिन्दी को इंटरनेट पर स्थापित करने में उनकी प्रमुख भूमिका रही हैं। वे जाने-माने ब्लॉगर भी हैं और एबीपी न्यूज चैनल द्वारा उन्हें देश के टॉप-10 ब्लॉगर्स में शामिल कर सम्मानित किया जा चुका हैं। इसके अलावा वे एक ब्लॉगर के रूप में देश के अलावा भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित हो चुके हैं। अमेरिका के रटगर्स विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर अपना शोध पत्र भी पढ़ा था। हिन्दी इंटरनेट पत्रकारिता पर पीएच-डी करने वाले वे पहले शोधार्थी हैं। अपनी निजी वेबसाइट्स शुरू करने वाले भी वे भारत के पहले पत्रकार हैं, जिनकी वेबसाइट 1999 में शुरू हो चुकी थी। पहले यह वेबसाइट अंग्रेजी में थी और अब हिन्दी में है।

डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी ने नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर एक किताब भी लिखी, जो केवल चार दिन में लिखी गई और दो दिन में मुद्रित हुई। इस किताब का विमोचन श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के एक दिन पहले 25 मई 2014 को इंदौर प्रेस क्लब में हुआ था। इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर ही डॉ. अमित नागपाल के साथ मिलकर अंग्रेजी में एक किताब पर्सनल ब्रांडिंग, स्टोरी टेलिंग एंड बियांड भी लिखी है, जो केवल छह माह में ही अमेजॉन द्वारा बेस्ट सेलर घोषित की जा चुकी है। अब इस किताब का दूसरा संस्करण भी आ चुका है।