First Vande Bharat Train In MP: मध्‍य प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारियां पूरी

साढ़े छह घंटे में 599 किमी का सफर पूरा करेगी वंदे भारत ट्रेन,जबलपुर से सुबह पांच बजे होगी रवाना, 11.30 पर पहुंचेगी इंदौर

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First Vande Bharat Train In MP: मध्‍य प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारियां पूरी

भोपाल। मध्‍य प्रदेश की पहली और देश की 11वीं वंदे भारत ट्रेन को चलाने की तैयारियां पूरी हो गई हैं। पहले फरवरी माह के अंत में इसे चलाने की योजना थी, लेकिन रेलवे बोर्ड द्वारा रैक मिलने में हुई देरी के कारण इसे मार्च अंत तक चलाया जाएगा।

बताया जा रहा है कि चेन्नई कोच फैक्ट्री से वंदे भारत ट्रेन के रैक जल्द ही आ सकते हैं। वहीं, इस सेमी हाईस्पीड ट्रेन के परिचालन के लिए रतलाम रेल मंडल के साथ ही जबलपुर रेल मंडल ने भी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सेमी हाईस्पीड ट्रेन के शुरू होने से इंदौर, भोपाल और जबलपुर के लोग कम समय में सफर पूरा कर सकेंगे।

रेलवे के विभागीय सूत्रों के अनुसार वंदे भारत जबलपुर से इंदौर तक 599 किमी का सफर 6.30 घंटे में पूरा कर लेगी। इंदौर-जबलपुर रूट पर चलने वाली वंदे भारत की रफ्तार 100 से 120 किमी/घंटा के आसपास होगी। बता दें कि रतलाम रेल मंडल ने हाल ही में इंदौर से उज्जैन के बीच रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य भी पूरा कर लिया है। कार्य के दौरान भोपाल से इंदौर के बीच चलने वाली 10 ट्रेनों को निरस्त करना पड़ा था, जबकि 21 ट्रेनों को बदले हुए मार्ग से चलाना पड़ा था।

यह रहेगी संभावित समय सारिणी
परिचालन से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन जबलपुर से सुबह पांच बजे रवाना होगी और लगभग पूर्वान्ह 11.30 बजे इंदौर पहुंचेगी। वापसी में ट्रेन दोपहर तीन बजे इंदौर से रवाना होकर रात 10 बजे जबलपुर पहुंचेगी। यह ट्रेन दोनों ओर से इटारसी, रानी कमलापति और उज्जैन स्टेशन पर ठहराव लेकर चलेगी।

ट्रेन को सप्ताह में कितने दिन चलाया जाएगा। वहीं अंतिम समय में ट्रेन की समय सारिणी में भी मामूली बदलाव किया जा सकता है। अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है। वर्तमान में इंदौर से जबलपुर के बीच चलने वाली नर्मदा एक्सप्रेस 14 घंटे और जबलपुर-इंदौर ओवरनाइट 10 घंटे का समय लेती है।

साफ-सफाई के लिए कोचिंग यार्ड का काम शुरू
रतलाम रेल मंडल के साथ ही जबलपुर रेल मंडल ने भी वंदे भारत के संचालन की तैयारियों को तेज कर दिया है। ट्रेन के रखरखाव और साफ-सफाई के लिए जबलपुर स्टेशन के कोचिंग यार्ड में काम शुरू हो गया।