Flashback : पुलिस स्मृति दिवस यानी शहीद वीर जवानों को याद करने के वे पल!

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Flashback : पुलिस स्मृति दिवस यानी शहीद वीर जवानों को याद करने के वे पल!

प्रति वर्ष 21 अक्टूबर को भारत के सभी राज्यों के पुलिस बल तथा सभी केंद्रीय पुलिस बल जैसे CRPF, BSF, SSB, CISF द्वारा पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दिन राज्य पुलिस के मुख्यालयों तथा केंद्रीय पुलिस बल के मुख्यालयों में पुलिस इस स्मृति दिवस की परेड होती है। इस परेड के माध्यम से पिछले एक वर्ष में क़ानून व्यवस्था की स्थापना तथा देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे देने वाले पुलिस बल के वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इसी के साथ राज्य के सभी ज़िलों तथा केंद्रीय पुलिस बल की सभी इकाइयों में भी ऐसी परेड का आयोजन किया जाता है।

पुलिस स्मृति दिवस मनाये जाने का अपना एक इतिहास है। 21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख की सीमा पर चीन के सैनिकों ने एक कायरतापूर्ण आक्रमण कर दिया। इस आक्रमण के विरुद्ध उस समय केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल द्वारा उनके आक्रमण को विफल कर दिया गया था। परंतु इस आक्रमण में 10 जवान शहीद हो गए। यह गर्व का विषय है कि यह CRPF की इकाई मध्य प्रदेश की सशस्त्र पुलिस बल के विलय से बनी थी। इस प्रकार मध्य प्रदेश के पुलिस जवानों ने लद्दाख की सीमा पर हॉट स्प्रिंग के पास अपना जीवन न्योछावर कर दिया था। उसके बाद से ही इसी दिनांक को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है तथा परेड आयोजित की जाती है।

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पुलिस स्मृति दिवस की परेड बहुत ही गंभीर और शालीन वातावरण में मनाई जाती है। इस अवसर पर परेड द्वारा अपने शस्त्र उल्टे कर के दिवंगत आत्माओं को सलामी दी जाती है। पिछले एक वर्ष में पूरे भारत में शहीद हुए सभी पुलिसकर्मियों के नाम इस परेड में पढ़े जाते हैं तथा पुलिस शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र और मालाएँ अर्पित की जाती है।
अपनी भोपाल की पदस्थापना के समय भोपाल के लाल परेड ग्राउंड पर आयोजित स्मृति दिवस परेड पर मैं सदैव सम्मिलित होता था तथा शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र धीमी चाल से चलकर और सलामी देकर अर्पित करता था। ग्वालियर तथा इंदौर के पदस्थापनाओं में उन स्थानों पर ऐसी परेड में सम्मिलित होता था।

परेड में विगत एक वर्ष में शहीद होने वाले पुलिस के वीर जवानों के नाम पढ़े जाते हैं। कुछ वर्षों में लगभग 1 हज़ार तक पुलिसकर्मी शहीद हो जाते थे। इनकी सूची पढ़े जानें के क्षण बहुत दुखदायी होते थे।

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वर्ष 2010 में मैं CRPF में स्पेशल DG जम्मू कश्मीर के पद पर पदस्थ था। उस अवसर पर मुझे CRPF की पुलिस स्मृति दिवस की परेड में सम्मिलित होने का अवसर प्राप्त हुआ। CRPF के शहीद होने वाले हमारे जवानों की सूची बहुत लंबी थी तथा इस अवसर पर कुछ दिवंगत जवानों के परिवारों के सदस्य भी सम्मिलित हुए थे। उनकी भीगी हुई आँखों को देखकर मेरी आंखें भी नम हो गई थी।


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क़ानून और व्यवस्था बनाए रखने और आतंकवाद के विरुद्ध संघर्ष में अपने प्राण गंवाने वाले वीर शहीद पुलिस कर्मियों के प्रति पूरा देश कृतज्ञ है।