एफएम यानि ज्ञान के तड़के संग फुल मनोरंजन….

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एफएम यानि ज्ञान के तड़के संग फुल मनोरंजन...

एफएम यानि ज्ञान के तड़के संग फुल मनोरंजन…

अप्रैल 2023 के अंतिम रविवार को प्रसारित होने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “मन की बात” कार्यक्रम से अब दो करोड़ नए श्रोताओं के जुड़ने का रास्ता साफ हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में रेडियो कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 100 वाट कैपेसिटी के 91 एफएम रेडियो स्टेशनों का उद्घाटन 28 अप्रैल 2023 को किया है। 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 84 जिलों में इन एफएम रेडियो स्टेशनों का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया गया। मोदी के मन की बात के 100वें एपिसोड का प्रसारण 30 अप्रैल 2023 को होगा। इसका पहला एपिसोड 3 अक्टूबर, 2014 को आया था। एफएम का उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब बात रेडियो और एफएम की होती है, तो इससे मेरा रिश्ता एक श्रोता का भी है, और एक होस्ट का भी है।लद्दाख के न्योमा गांव में दुनिया का सबसे ऊंचाई पर ट्रांसमीटर लगाने का रिकॉर्ड बना है। न्योमा 4100 मीटर की ऊंचाई पर है, यहां से कई किलोमीटर तक रेडियो का लाभ मिलने वाला है।

न्योमा के अलावा लद्दाख के खल्त्से, दिस्कित में भी रेडियो स्टेशन शुरू हुए हैं। उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब बात रेडियो और एफएम की होती है, तो इससे मेरा रिश्ता एक श्रोता का भी है और एक होस्ट का भी है। लेह में मौजूद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि लद्दाख के न्योमा गांव में दुनिया का सबसे ऊंचाई पर ट्रांसमीटर लगाने का रिकॉर्ड बना है।अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्वराज द्वीप और कार निकोबार में दो एआईआर एफएम ट्रांसमीटरों का उद्घाटन हुआ। इन एफएम ट्रांसमीटर्स के जरिए दो करोड़ लोगों तक पहुंच होगी। इनके शुरू होने से देश में एफएम कनेक्टिविटी का दायरा 35,000 वर्ग किमी बढ़ गया है। 30 अप्रैल को पीएम मोदी के रेडियो प्रोग्राम मन की बात का 100वां एपिसोड है। इससे दो दिन पहले देश में रेडियो कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है। जानकारी के मुताबिक 91 एफएम रेडियो स्टेशन बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नगालैंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, लद्दाख के अलावा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में शुरू हो गए हैं। इन राज्यों में कुल 84 जिलों को कवर किया गया है।

आइए इस बहाने एफएम के इतिहास पर नजर डालते हैं। भारत में एफएम प्रसारण 1977 में शुरू हुआ, लेकिन 2001 के बाद जब एफएम प्रसारण का निजीकरण शुरू हुआ तो इसमें तेजी आई। आल इंडिया रेडियो के एफएम लोकल रेडियो स्टेशन (एलआरएस) का उद्घाटन 1 जुलाई 2000 को कोडाइकनाल में 06:00 बजे आवृत्ति 100.5 मेगाहर्ट्ज में मदुरै कार्यक्रमों को रिले करने के लिए किया गया था। 100.5 इतना लोकप्रिय था और एलआरएस को केवल दो महीनों में एक एफएम चैनल में अपग्रेड किया गया था। कोडाइकनाल में एमएसएल से 2200 मीटर ऊपर स्थित होने के कारण चैनल ने लगभग 200 किमी के दायरे को कवर किया। कोडाई एफएम जैसा कि यह लोकप्रिय है। यह क्षेत्र कवरेज और श्रोताओं दोनों में भारत में सबसे बड़ा व्यक्तिगत एफएम चैनल है। दिसंबर 2018 तक पूरे भारत में 101 से अधिक शहरों और कस्बों में 369 से अधिक निजी रेडियो स्टेशन कार्यरत थे। भारत सरकार के स्वामित्व वाले ऑल इंडिया रेडियो में लगभग 450 एफएम स्टेशन हैं जो 39% क्षेत्र और भारत की 52% आबादी को कवर करते हैं।

एफएम प्रसारण 23 जुलाई 1977 को चेन्नई , फिर मद्रास में शुरू हुआ। अमेरिका में इसकी शुरुआत के लगभग 50 साल बाद 1990 के दशक के दौरान इसका विस्तार किया गया। देश ने पहली बार गोवा के छोटे पर्यटन स्थल और दिल्ली , कोलकाता , मुंबई और चेन्नई के बड़े महानगरीय क्षेत्रों में निजी एफएम प्रसारण का प्रयोग किया। इसके बाद बैंगलोर , हैदराबाद , जयपुर और लखनऊ में निजी स्टेशनों का स्थान रहा।1993 तक ऑल इंडिया रेडियो एक सरकारी उपक्रम और भारत में एकमात्र रेडियो प्रसारक था। सरकार ने तब रेडियो प्रसारण क्षेत्र का निजीकरण करने का निर्णय लिया। इसने इंदौर, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, विजाग और गोवा में अपने एफएम चैनलों पर निजी ऑपरेटरों को एयरटाइम ब्लॉक बेचे, जिन्होंने अपनी स्वयं की कार्यक्रम सामग्री विकसित की। टाइम्स ग्रुप ने जून 1998 तक अपने ब्रांड टाइम्स एफएम का संचालन किया। उसके बाद, सरकार ने निजी ऑपरेटरों को दिए गए अनुबंधों को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया। इसके बजाय 2000 में सरकार ने पूरे भारत में 108 एफएम आवृत्तियों की नीलामी की घोषणा की, जिससे एफएम प्रसारण उद्योग को निजी प्रतिस्पर्धा के लिए खोल दिया गया। रेडियो सिटी बैंगलोर, 3 जुलाई 2001 को शुरू हुआ, भारत का पहला निजी एफएम रेडियो स्टेशन है। टाइम्स ग्रुप ने रेडियो मिर्ची ब्रांड की स्थापना करते हुए अपने रेडियो संचालन की रीब्रांडिंग की। पहला रेडियो मिर्ची स्टेशन 4 अक्टूबर 2001 को इंदौर में प्रसारित होना शुरू हुआ।

एफएम आजकल ज्ञानवर्धक जानकारियों संग फुल मनोरंजन के पर्याय बन चुके हैं। मन की बात वैसे तो हर प्लेटफॉर्म पर सुनाई पड़ती है। पर एफएम से जुड़े दो करोड़ श्रोताओं को मनोरंजन की खास सौगात मिली है। एफएम चार पहिया वाहन से यात्रा करने वाले यात्रियों के मनोरंजन और ज्ञानवर्धन का खास साथी है। तो एफएम से जुड़ने वाले सभी नए श्रोताओं को ज्ञान संग फुल मनोरंजन का चहेता प्लेटफार्म पाने के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं…।