
Food poisoning Case: कट्ठीवाड़ा: आवासीय कन्या परिसर में पांच दर्जन छात्राएं फूड प्वाइजनिंग की शिकार, उपचार के बाद स्थिति नियंत्रित
ALIRAJPUR: जिले के कट्ठीवाड़ा विकासखंड में माता शबरी कन्या आवासीय परिसर में सोमवार को 50 से अधिक आदिवासी छात्राओं की अचानक तबीयत बिगड़ गई। उल्टी और घबराहट की शिकायत के बाद परिसर में अफरातफरी मच गई। एक-एक कर बीमार होती छात्राओं को ताबड़तोड़ स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती किया गया, जहां सभी वार्डों में उनका उपचार शुरू किया गया। परिजन भी तत्काल सूचित होकर अस्पताल पहुंचे और अपनी बेटियों की जानकारी लेने लगे।

*विधायक सेना पटेल ने जताई कड़ी नाराजगी और लगाए गंभीर आरोप*
बीमार छात्राओं की सूचना मिलते ही विधायक सेना महेश पटेल तुरंत मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के समय पर न पहुंचने और अतिरिक्त स्वास्थ्य अमले की व्यवस्था न होने पर कड़ी आलोचना की। साथ ही छात्रावास में खराब गुणवत्ता की सब्जी, ईल्ली वाली सोयावडी और घटिया क्वालिटी के आटे का जिक्र किया। उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी, हॉस्टल वार्डन एवं अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

*CHC में बुनियादी सुविधाओं का अभाव*
स्वास्थ्य केंद्र में 50 से अधिक बीमार छात्राओं के इलाज के लिए केवल दो डॉक्टर तैनात थे। पंखे व आवश्यक सुविधाओं का अभाव था, जिसके कारण परिजन अपने घरों से पंखे लेकर आए और छात्राओं के आसपास लगाए। विभाग ने शुरुआत में बीमारी को वायरल फीवर बताया, लेकिन आगे उपचार फूड प्वाइजनिंग के आधार पर किया गया। अस्पताल की अव्यवस्था, स्टाफ की कमी, सूचना और तालमेल के अभाव ने स्वास्थ्य केंद्र की आपातकालीन प्रबंधन क्षमता एवं प्रशासन की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं।
*करोड़ों रुपए खर्च के बावजूद बुनियादी कमियां बरकरार*
आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य व शिक्षा के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं, लेकिन कट्ठीवाड़ा तहसील के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी संसाधनों की कमी स्थानीय लोगों व छात्राओं के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। यह प्रशासन की लापरवाही और संवेदनशीलता की कमी को उजागर करता है। साथ ही खंड शिक्षा विभाग में करोड़ों के अनियमितताओं के मामले भी सामने आ चुके हैं, जो इस घटना की गंभीरता और जवाबदेही कमजोर करने वाला तथ्य है।
कलेक्टर ने कहा-
“मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। प्रशासन को सतर्क रहने के सख्त निर्देश दिए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। स्वास्थ्य सेवाओं में आवश्यक सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।”
-डॉ अरविंद अभय बेडेकर कलेक्टर जिला आलीराजपुर




