सफलता के लिए सिर्फ सोचना नहीं, करना ज़रूरी है- अपने कार्यों में लाएं सकारात्मकता

433

सफलता के लिए सिर्फ सोचना नहीं, करना ज़रूरी है- अपने कार्यों में लाएं सकारात्मकता

प्रवीण कक्कड़

क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो सकारात्मक सोच (पॉजिटिव थिंकिंग) के बारे में सुनते रहते हैं, और इसे अपनाना चाहते हैं? छात्र, खिलाड़ी, नौकरीपेशा या व्यापारी – हर कोई अपने जीवन में सकारात्मकता चाहता है। वहीं कोच और शिक्षक भी अपने अनुयायियों को यही घुट्टी पिलाना चाहते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में हम एक छोटी सी, मगर बहुत महत्वपूर्ण गलती कर जाते हैं!

हम अक्सर सोचते हैं कि सकारात्मक सोच का मतलब है बस अच्छे नतीजों के सपने देखना, और यह मान लेना कि सब अच्छा ही होगा। हम अपने कर्म, लगन और व्यवहार को सकारात्मक करने की बजाय, सिर्फ मनचाहे नतीजों पर ध्यान केंद्रित कर लेते हैं। हम खुद को समझा लेते हैं कि यही हमारी ‘पॉजिटिव थिंकिंग’ है। लेकिन यह खुशफहमी है! ऐसे में हमारे प्रयासों में कमी आ जाती है, सपनों का महल बिखर जाता है, और हम टूट जाते हैं। नकारात्मकता हम पर हावी होने लगती है।


PK’s Success Funda: आपकी तरक्की का एक मात्र रास्ता: आत्मानुशासन


अब समय आ गया है कि हम सकारात्मकता के वास्तविक अर्थ को समझें! सकारात्मकता का असली मतलब: कर्म, लगन और ऊर्जा!

अपनी काबिलियत पर विश्वास करें: अपनी क्षमताओं पर संदेह न करें, बल्कि उन्हें पहचानें और निखारें।

लगन से काम में जुटें: आधे-अधूरे मन से नहीं, बल्कि पूरे जुनून और समर्पण के साथ काम करें।

पूरी ऊर्जा से काम को पूरा करें: अपना 100% दें, कोई कसर न छोड़ें।

जब आप इन तीनों चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो नतीजे अपने आप सकारात्मक हो जाते हैं!

यह सच है कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति तेजी से आगे बढ़ते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल करते हैं। लेकिन हमें समझना होगा कि सकारात्मक सोच सिर्फ नतीजों के हसीन सपने देखना नहीं है। यह अपने प्रयासों को लेकर सकारात्मक होना, ऊर्जावान होना और लगनशील होना है। जीवन में आसपास के हालातों से असंतुष्ट न होना, और अपना 100% देकर किसी काम में जोश व जुनून के साथ जुटे रहना भी असली सकारात्मक सोच है।

जीवन का मैदान: क्रिकेट की तरह खेलें!

आपने कभी न कभी क्रिकेट जरूर खेला होगा। जब हम किसी बॉल को मिस कर जाते हैं, तो क्या मैदान छोड़कर चले जाते हैं? नहीं! हम अगली बॉल का इंतजार करते हैं और उस पर शॉट लगाने के लिए फोकस होते हैं। इसी तरह, अगर किसी बॉल पर छक्का मार देते हैं, तो क्या नाचते हुए मैदान से बाहर चले जाते हैं? नहीं, है ना! फिर अगली बॉल का इंतजार करते हैं और बेहतर शॉट लगाने की योजना बनाते हैं।

जीवन के क्रिकेट में जब तक हम जीवित हैं, तब तक हम कभी आउट नहीं होते, न ही कभी गेंद खत्म होती है। सफलता रूपी रन बनाने के लिए अवसर रूपी गेंद लगातार आती रहती हैं। जीवन में बस इस अप्रोच की जरूरत है, यही सच्ची सकारात्मकता है!

* अगर कोई अवसर छूट गया, तो उसका अफसोस न करें, न ही जीवन से हार मानें। बल्कि अगले अवसर पर फोकस करें!

* अगर कोई सफलता मिल गई, तो उसकी आत्ममुग्धता में न खोएं। बल्कि अगली सफलता के लिए रास्ता तैयार करने में जुट जाएं!

आपका एक्शन प्लान: अभी से करें शुरुआत!

चाहे आप छात्र हों, नौकरीपेशा हों, या व्यापारी, यह एक्शन प्लान आपको सफलता की ओर ले जाएगा:

* लक्ष्य पर नहीं, प्रयास पर फोकस करें: यदि आपने 95% अंक का लक्ष्य बनाया है और पीछे रह गए, तो हतोत्साहित न हों! जिंदगी की गेंदबाजी जारी है। अगली गेंद पर इससे बेहतर प्रदर्शन का अवसर खुला है। अपने वर्तमान प्रयास पर ध्यान दें, उसे बेहतर बनाएं।

* अपनी काबिलियत दिखाएं, नतीजों की चिंता छोड़ें: यदि आप नौकरी के इंटरव्यू के लिए गए हैं, तो यह मत सोचिए कि नौकरी मुझे मिलेगी या नहीं। बल्कि यह सोचिए कि “इस संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए मैं क्या-क्या कर सकता हूं? अपना 100% कैसे दे सकता हूं?” यह उत्साह आपके व्यवहार में नजर आएगा और नौकरी आपको जरूर मिलेगी!

* लगातार सीखें और सुधार करें: हर दिन कुछ नया सीखें। अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें सुधारें। आपकी सीखने की लगन ही आपको आगे बढ़ाएगी।

* खुद को काबिल बनाने में सकारात्मक सोच रखिए: नतीजे खुद-ब-खुद ही सकारात्मक आ जाएंगे। अपनी स्किल्स को निखारें, ज्ञान बढ़ाएं, और हर चुनौती को एक अवसर के रूप में देखें।

याद रखें: सफलता कोई मंजिल नहीं, बल्कि एक यात्रा है। इस यात्रा को सकारात्मकता, कर्म और लगन के साथ जिएं! आप निश्चित रूप से सफल होंगे!