वन विभाग ने मॉनिटर लिजार्ड (गोह) के अंगों की तस्करी करते तीन आरोपियों को धरदबोचा – प्रकरण दर्ज – पूछताछ जारी

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वन विभाग ने मॉनिटर लिजार्ड (गोह) के अंगों की तस्करी करते तीन आरोपियों को धरदबोचा – प्रकरण दर्ज – पूछताछ जारी

मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट

मंदसौर । जिले के भानपुरा क्षेत्र में वन विभाग ने तीन आरोपियों से वन्यजीवों के अंगों की अवैध तस्करी करने के मामले में पकड़ा और वन्य जीव अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है । आरोपियों से वन्य जीवों के अंगों के साथ अन्य सामग्री भी जप्त की है।

 

इस बारे में वनमंडल अधिकारी, सामान्य वनमंडल मंदसौर श्री संजय रायखेरे द्वारा बताया गया कि, वनमण्डल मंदसौर के अंतर्गत वनपरिक्षेत्र भानपुरा में रविवार को वन्यजीवों के अवैध व्यापार के खिलाफ एक बड़ी कार्यवाही में वन विभाग ने गोह (Monitor Lizard) के शरीर के अंगों, जिसे “हत्था जोड़ी” कहा जाता है, की तस्करी करने के आरोप में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

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यह सफल ऑपरेशन श्री मस्तराम बघेल, मुख्य वन संरक्षक (उज्जैन वृत्त), और श्री संजय रायखेरे, वनमंडलाधिकारी, मंदसौर के मार्गदर्शन में तथा श्रीमती सरोज रोज, उप वनमंडलाधिकारी, गरोठ के सीधे निर्देशन में परिक्षेत्र भानपुरा में संपन्न हुआ। वन विभाग को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग मॉनिटर लिजार्ड के शरीर के हिस्से हत्था जोड़ी बेचने की फिराक में हैं। सूचना पर कार्यवाही करते हुए वन स्टाफ ने एक कर्मचारी को ग्राहक बनाकर संदिग्धों से मिलने भेजा। पूर्व नियोजित इशारे पर वन अमले ने त्वरित कार्यवाही करते हुए दो संदिग्धों को मौके पर ही हिरासत में ले लिया। संदिग्धों की तलाशी लेने पर उनके पास से 42 नग हत्था जोडी, एक चाकू और कुछ नकदी बरामद हुई। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान विजय पिता रमेश निवासी ग्राम तोरनिया नाहरगढ़ तहसील भानपुरा जिला मंदसौर एवं समरथनाथ पिता सिंघानाथ निवासी ग्राम हनुमंतीया, कुकडेश्वर तहसील, मनासा जिला नीमच के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद, इस मामले से जुड़े एक और संदिग्ध करण उर्फ धर्मा हरिजन निवासी कुकडेश्वर तहसील, मनासा जिला नीमच को भी हिरासत में लिया गया है। गोह (Monitor Lizard) को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची 1 के तहत् संरक्षित किया गया है और लुप्तप्राय प्रजातियो में अंतराष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) के परिशिष्ट 1 में सूचीबद्ध किया गया है जो जानवर या उसके शरीर के अंगो के आयात या निर्यात को प्रतिबंधित करता है।

इस मामले में आरोपीयो के विरूद्ध प्रकरण दर्ज कर आगे की विस्तृत जांच और आवश्यक कानूनी कार्यवाही जारी है .