वन कर्मचारियों ने किया सरकारी प्रशस्ति पत्र का बहिष्कार, शस्त्र वापसी आंदोलन शुरू

प्रदेश भर में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया

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भोपाल। लटेरी कांड के विरोध में प्रदेश भर के वन कर्मचारियों ने कल जिला मुख्यालय पर 15 अगस्त को मिलने वाला उत्कृष्ट कार्य का प्रशस्ति पत्र का बहिष्कार किया तथा आज से रिवाल्वर बंदूक वापिस करने के लिए शस्त्र वापसी आंदोलन शुरू किया है.
प्रदेश के वन कर्मचारियों ने संगठनों के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर लटेरी कांड की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने तथा गिरफ्तार वन कर्मचारियों को रिहा करने निलंबित वन कर्मचारियों को बहाल करने की मांग करी है रिवाल्वर बंदूक जमा कर विरोध दर्ज कराने वाले प्रमुख जिलों में भोपाल, सीहोर, विदिशा, राजगढ़, नरसिंहपुर, रायसेन, सिवनी, औबेदुल्लागंज, बालाघाट, छिंदवाड़ा, बैतूल, पन्ना, सतना, रीवा, सीधी, मुरैना, भिंड,ग्वालियर, इंदौर, शिवपुरी, गुना, देवास शामिल है.
प्रदेश के 60 वन मंडलों एव 16 वन वृतो में वन कर्मचारियों एवं रेंजरो ने अपनी रिवाल्वर एवं बंदूकों को जमा कराया है. यह पहली बार हुआ है कि विभाग द्वारा दिया गया हथियार कर्मचारी वापस विभाग में जमा करा दें.

विदिशा जिले के लटेरी रेंज में आत्मरक्षा के लिए लकड़ी चोरों के ऊपर चली गोली से मृत्यु तथा घायल होने पर जिस प्रकार से विदिशा प्रशासन ने एक तरफा कार्रवाई कर वन कर्मचारियों के ऊपर हत्या एवं हत्या के प्रयास का प्रकरण दर्ज किया है उससे प्रदेश भर के 22000 वन कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है क्योंकि जिस लकड़ी चोर चैन सिंह की मृत्यु होने पर 302 का अपराध कायम किया गया है उसके खिलाफ विदिशा बन मंडल मैं 10 वन अपराध दर्ज है. उसके साथियों के विरुद्ध भी वन विभाग में लकड़ी चोरी का प्रकरण दर्ज है और न्यायालय में विचाराधीन है फिर भी उसकी मृत्यु पर सरकार ने 2500000 रुपए की आर्थिक सहायता घायल को ₹500000 की आर्थिक सहायता फ्री इलाज सुविधा दी है सरकार ने वन कर्मचारियों की अनदेखी करी है.

आज शस्त्र वापसी आंदोलन एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपने वाले संगठनों में मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच मध्यप्रदेश वन एवं वन्य प्राणी संरक्षण कर्मचारी संघ रेंजर एसोसिएशन वनरक्षक कल्याण संघ शामिल है वही वन कर्मचारियों के आंदोलन का मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति प्रगतिशील कर्मचारी संघ सर्वजन न्याय मंच ने समर्थन किया है.
आंदोलन में कर्मचारी नेता अशोक पांडे, बुधराज भागवत, नरेंद्र प्यासी, आशीष श्रीवास्तव, राकेश वर्मा, लव प्रकाश पाराशर, रामचंद्र कुशवाहा, बसंत सिंह, नितिन वर्मा आदि सैकड़ों वन कर्मचारी सक्रिय है।

मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि लटेरी कांड में वन कर्मचारियों के विरुद्ध विदिशा प्रशासन ने जिस प्रकार से एकतरफा कार्रवाई करी है तथा बिना जांच के एफआईआर दर्ज करके डिप्टी रेंजर निर्मल अहिरवार को गिरफ्तार किया है अन्य वन कर्मचारियों को निलंबित किया है उसके विरोध में पहले वन कर्मचारियों ने ध्यानाकर्षण प्रदर्शन किया. कल 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर जिला प्रशासन से मिलने वाला उत्कृष्ट कार्य का प्रशस्ति पत्र का पूरे प्रदेश में बहिष्कार किया आज 16 अगस्त से प्रांत वापी शस्त्र वापसी आंदोलन शुरू कर सरकार से मांग करी कि लटेरी कांड की न्यायिक जांच होने तक गिरफ्तार किए गए वन कर्मचारी को रिहा किया जाए निलंबन कर्मचारियों को बहाल किया जाए वनकर्मचारियों को प्रदेश भर में सम्मान एवं सुरक्षा प्रदान करी जाए अन्यथा वन कर्मचारी वनों की सुरक्षा नहीं कर पाएगा और मुख्यमंत्री का पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ का अभियान अधूरा रह जाएगा. लटेरी कांड में प्रशासन की कार्रवाई से वन अपराधियों एवं वन माफिया के हौसले बुलंद हुए हैं वही वन कर्मचारियों का मनोबल टूटा है.

मंगलवार से वनकर्मचारियों ने शस्त्र वापसी आंदोलन शुरू करते हुए कहा कि वन विभाग ने जो रिवाल्वर एवं बंदूकें हमें वनों एवं वन्य प्राणियों तथा वन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए दी है वह लटेरी कांड के बाद जिस प्रकार से जिला प्रशासन ने कार्यवाही की है उससे अब रिवाल्वर और बंदूक रखना वन कर्मचारियों के औचित्य से परे हैं.