पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को शराब घोटाले मामले में ED ने गिरफ्तार कर कोर्ट में किया पेश

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पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को शराब घोटाले मामले में ED ने गिरफ्तार कर कोर्ट में किया पेश

विनोद काशिव की रिपोर्ट

रायपुर. छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में ED की टीम ने आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास में छापा मारा. जहां से चैतन्य बघेल को हिरासत में लेकर रायपुर विशेष कोर्ट में पेश किया जा रहा है. चैतन्य बघेल को विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की कोर्ट में पेश किया गया है. वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत समेत सभी कांग्रेस विधायक न्यायालय पहुंच गए हैं.

बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज सुबह 6 बजे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई स्थित निवास में छापा मारा. शराब घोटाला मामले में 8 अधिकारियों की टीम दबिश देने 2 गाड़ियों में पहुंची.

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बेटे चैतन्य बघेल को हिरासत में लेने पर भूपेश बघेल ने कहा कि अडानी के खिलाफ बोलने वालों पर कार्रवाई होती है. विपक्ष को दबाने के लिए रणनीति अपनाई गई है. आज हमने इस कार्रवाई का बहिष्कार किया है. कवासी, देवेंद्र यादव के बाद आज मेरे बेटे को टारगेट किया हैं. हम ना डरेंगे, ना दबेंगे, ना झुकेंगे और ना टूटेंगे.

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ED की रेड कार्रवाई पर नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि तमनार में अनैतिक, असंवैधानिक, पेसा कानून के विरोध में स्थगन लाया. अडानी को पेड़ काटने की अनुमति दी इसलिए स्थगन लाए. राज्य सरकार अडानी का सहयोग कर रही है. चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन है, ED ने सुबह सुबह छापा मारा. विपक्ष में डर पैदा करने के लिए यह कार्रवाई की गई. सरकार का दबाव दिख रहा है, विपक्ष को परेशान किया जा रहा है. कार्रवाई से स्पष्ट है कि भारत में लोकतंत्र नहीं है, इसलिए विपक्ष ने सदन की कार्यवाही का विरोध किया है. एकमत होकर विपक्ष ये बता रहा है कि हम दबाव में नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि जितना केस होगा सह लेंगे, क्योंकि भारत के न्यायालय पर हमें भरोसा है. पूरा विपक्ष भूपेश बघेल और उनके परिवार के साथ खड़ा है.

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ED की टीम शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे तीन गाड़ियों में चैतन्य बघेल के भिलाई आवास पहुंची और केंद्रीय बलों की सुरक्षा में सघन तलाशी अभियान शुरू किया। करीब सात घंटे तक चले इस ऑपरेशन में ईडी ने कथित शराब घोटाले से जुड़ी फाइलें, डिजिटल डेटा व दस्तावेज़ बरामद करने का दावा किया है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक—2019 से 2023 के बीच नियंत्रित शराब की आपूर्ति से अवैध वसूली, कमीशनखोरी और फर्जी कंपनियों के जरिये कुल 2,161 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई थी, जिसमें कई अफसर, डिस्टिलरी एजेंट्स और सत्ता से जुड़े चेहरे संलिप्त रहे हैं।

 

आरोप है कि सरकारी शराब दुकानों से शराब की रिकॉर्ड विहीन बिक्री, डिस्टिलर्स से कमीशन, और आबकारी विभाग के अफसरों की मिलीभगत से यह घोटाला ‘संगठित सिंडिकेट’ की तरह चला। इसी मामले में 22 अधिकारियों को सस्पेंड किया जा चुका है और अब तक करीब 205 करोड़ की संपत्ति अटैच हुई है। गिरफ्तारी के बाद चैतन्य बघेल को रायपुर ले जाकर स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया और पूछताछ के लिए ईडी ने रिमांड की मांग की है।