DAVV के पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़ को बहु-बेटे ने निकाला घर से: पहुंचे कलेक्टर की जनसुनवाई में, बोले-बेटे बहु ने मारा- पीटा..घर से निकाला.. संपत्ति हड़पी.. अब आप ही सहारा!!

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DAVV के पूर्व कुलपति नरेंद्र धाकड़ को बहु-बेटे ने निकाला घर से: पहुंचे कलेक्टर की जनसुनवाई में, बोले-बेटे बहु ने मारा- पीटा..घर से निकाला.. संपत्ति हड़पी.. अब आप ही सहारा!!

INDORE: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र धाकड़ मंगलवार को अपनी पत्नी और बेटी के साथ इंदौर कलेक्टर कार्यालय की जनसुनवाई में पहुंचे। कभी विश्वविद्यालय की गरिमा बढ़ाने वाले इस शिक्षाविद् ने जनसुनवाई में आंसुओं के साथ अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए बताया कि उनका बेटा अमित धाकड़ और बहू दीप्ति धाकड़ न केवल उनसे मारपीट करते हैं, बल्कि संपत्ति हड़पने की कोशिश में उन्हें घर से बाहर निकाल चुके हैं।

पूर्व कुलपति ने बताया कि उन्होंने वर्षों की मेहनत से 2006 में जैन दिवाकर कॉलेज की स्थापना की थी और फैक्ट्री का संचालन अपने बेटे को सौंपा था, मगर अब बेटे ने वही संस्थान और संपत्ति विवाद में बदल दिए। शिकायत में कहा गया कि कुछ दिन पहले बेटे ने उनका मोबाइल छीन लिया, कमरे में बंद कर दिया और संपत्ति संबंधी दस्तावेजों पर जबरन हस्ताक्षर करवाने का दबाव बनाया।

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कलेक्टर शिवम वर्मा ने जनसुनवाई के दौरान पूरी बात सुनी और मामले में दोनों पक्षों से चर्चा कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपसी समाधान नहीं निकला तो प्रशासन कानूनी कार्रवाई करेगा।

 

इस घटना ने शहर के शैक्षणिक जगत को भी झकझोर दिया है। एक समय उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श माने जाने वाले प्रो. धाकड़ के साथ हुए इस व्यवहार ने यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि केवल शिक्षा ही नहीं, संस्कार भी उतने ही जरूरी हैं।

परिवारिक विवाद के इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब घरों में संवाद खत्म होता है और संस्कार पीछे छूट जाते हैं, तब शिक्षा का उद्देश्य अधूरा रह जाता है। समाज में ऐसे प्रसंग इस बात की सीख हैं कि ज्ञान का वास्तविक मूल्य तभी है, जब उसमें मानवीय संवेदना और सम्मान भी जुड़ा हो।