पूर्व गेस्ट टीचर उफनती नदी पार कर टीचर्स डे पर बच्चों से मिलने पहुंचीं   

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पूर्व गेस्ट टीचर उफनती नदी पार कर टीचर्स डे पर बच्चों से मिलने पहुंचीं 

खरगोन : मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के झिरनिया विकासखंड में पदस्थ एक पूर्व महिला गेस्ट टीचर बच्चों के आग्रह पर 55 किमी दूर उफनती नदी पार कर स्कूल पहुंची तो उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा।

खरगोन जिले के झिरनिया ब्लॉक के कमोद वाड़ा स्थित एकीकृत प्राइमरी और मिडिल स्कूल में टीचर्स डे मनाया गया। टीचर्स डे मनाने की विशेष बात यह थी कि उनकी पूर्व अतिथि शिक्षिका माया वर्मा उनके आग्रह पर 55 किलोमीटर दूर पंधानिया से वहां पहुंची थी।

 

माया वर्मा ने बताया कि पंधानिया से जब वह अपनी स्कूटर पर कमोदवाड़ा के अपने पूर्ण कार्य स्थल पर जाने के लिए निकली तो बारिश हो रही थी। उन्होंने एक बार सोचा कि वापस घर चले जाएं, लेकिन बच्चों के आग्रह में इतना आकर्षण था कि वह विपरीत परिस्थितियों के बावजूद चलती गई।

जब वे कमोदवाड़ा के पास पहुंची तो वहां के पुल पर बहुत पानी था। इसके बाद उन्होंने अपनी स्कूटर पुल के उस पार छोड़ा और पैदल ही उफनती नदी के पुल को पार करने निकली। आधे रास्ते पर उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ, लेकिन बच्चों को मासूम चेहरा उन्हें याद रहा और वह आगे बढ़ती रही। इस बीच ग्रामीणों ने उन्हें हाथ पकड़ कर पुलिया के दूसरी पार पहुंचाया।

जब वे स्कूल पहुंची तो बच्चों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा । कक्षा तीन में पढ़ने वाली दीपिका, सातवीं की सुनंदा, आठवीं के आयुष और आठवीं की ही वैष्णवी ने उनका जमकर स्वागत किया। उनके शिक्षक साथी अखिलेश गोलकर और प्रशांत घोषले भी बहुत खुश हुए।

उन्होंने बताया कि वह 2024 25 के सत्र में कक्षा 6 से 8 को संस्कृत पढ़ाती थी। उन्होंने राजनीति विज्ञान से बीए और और भूगोल विषय से एम ए किया हुआ है।

उन्होंने कहा किसी कारणवश उन्हें यहां से हटना पड़ा था और अब वह अपने ग्राम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का वेतन 15000 है और जब वे गेस्ट टीचर के रूप में काम कर रही थी तो 10000 रु मिल रहा था। लेकिन उन्हें पढ़ाना अच्छा लगता था क्योंकि उसमें ‘जॉब सेटिस्फेक्शन’ था। उन्होंने कहा कि यदि फिर से उन्हें पढ़ाने को कहा जाएगा तो वह यही काम चुनेंगी।

उन्होंने बताया कि स्कूल से लौटने के दौरान पानी और ऊपर आ गया था इसलिए उन्हें घूम कर अपनी स्कूटर ले जानी पड़ी।

स्कूल में पदस्थ एक अन्य अतिथि टीचर प्रशांत घोषले ने बताया कि बारिश के चलते माया वर्मा मैडम को मना किया था लेकिन बच्चों से मिलने का उत्साह उन्हें नहीं रोक पाया और वह उफनती नदी पार करके पहुंच गई।

झिरनिया के विकासखंड स्त्रोत समन्वयक राघवेंद्र जोशी ने बताया कि बच्चों के चेहरे पर मुस्कान बता रही है कि उनका अपने पूर्व शिक्षिका माया वर्मा से कितना स्नेह था।