Fossil Garden : बाग में जीवाश्म उद्यान विकसित करने की तैयारी!
मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar (Dhar) : बाग पांडव कालीन गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है, वही पिछले कुछ सालों से डायनासोर के अंडों के लिए भी प्रसिद्धि पा रहा है। यहां राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान को विकसित कर यहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अधिकारियों ने विभिन्न साइट्स का अवलोकन किया। साथ ही यहां आवश्यक सुविधाएं, साइट्स को संरक्षित करने तथा साइन बोर्ड लगाने के भी निर्देश दिए गए।
राष्ट्रीय जीवाश्म उद्यान को आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए तथा मानचित्र में बाग क्षेत्र में करोड़ों साल पुरानी जीवाश्म के महत्व को आम जनता पहुंचाने के उद्देश्य से विशेष रूप से बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट लखनऊ के निदेशक महेश ठक्कर, वैज्ञानिक शिल्पा शर्मा द्वारा सभी साइट्स का अवलोकन किया। इस अवसर पर डीएफओ अशोक सोलंकी धार, मनावर के जीवाश्म विशेषज्ञ विशाल वर्मा, सहायक आयुक्त बृज कांत शुक्ला, डीएटीसीसी के प्रवीण शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड की सीईओ समिता राजोरा, इंदौर सीसीएफ नरेंद्र कुमार सनोदिया, धार कलेक्टर प्रियंक मिश्रा , मनावर एसडीएम राहुल गुप्ता आदि अधिकारियों ने विभिन्न साइट्स का अवलोकन किया। बाग तथा जीराबाद क्षेत्र में सबसे पहले जीवाश्म की खोज करने वाले मनावर के शिक्षक तथा जीवाश्म विशेषज्ञ विशाल वर्मा ने ही इस क्षेत्र में डायनासोर के अंडों की खोज की थी।
उन्होंने अपनी खोज के दौरान कई ऐसे जीवाश्म भी ढूंढ निकाले, जो समुद्र में ही पाए जाते हैं। इससे ऐसा लगता है कि यहां करोड़ों साल पहले समुद्र होने की संभावना रही होगी। विशाल वर्मा का घर आज भी विभिन्न जीवाश्म से भरा हुआ है। वो समर्पित हो कर स्कूल के अवकाश के दिन इस क्षेत्र में जीवाश्म की खोज में निकल जाते हैं।