स्कूल की मान्यता निरस्त करने की धमकी देकर 15 हजार की रिश्वत लेने वाले डीईओ को 4 वर्ष की सजा!

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स्कूल की मान्यता निरस्त करने की धमकी देकर 15 हजार की रिश्वत लेने वाले डीईओ को 4 वर्ष की सजा!

Ratlam : निजी स्कूल की मान्यता निरस्त करने की धमकी देकर 15 हजार रुपए की मांग करते हुए रिश्वत लेने वाले तत्कालीन डीईओ रामेश्वर चौहान पिता खेमराज चौहान (62) तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी, कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी रतलाम निवासी ग्राम बेरछा पोस्ट ठिकवा तहसील व जिला
रतलाम को 4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। सजा विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायाधीश आदित्य रावत ने सुनाते हुए 2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया।

विशेष लोक अभियोजक कृष्ण कांत चौहान ने बताया कि 2 मई 2019 को सुखदेव पांचाल (32) निवासी बन्नाखेड़ा (जावरा) ने लोकायुक्त उज्जैन में शिकायत करते हुए बताया था कि मैं बन्नाखेड़ा में साईं पब्लिक स्कूल का संचालन करता हूं। मैंने स्कूल में दिलीप सिंह के 3 बच्चे निर्मल सिंह, नरेन्द्र सिंह और निकिता को प्रवेश दिया था।

प्रवेश के समय अभिभावक ने आवेदन पत्र दिया था कि कुछ समय बाद टीसी व मार्कशीट की फोटो कॉपी जमा करवा दुंगा। अभी तक अभिभावक ने टीसी व मार्कशीट की फोटो कॉपी जमा नहीं करवाई। वहीं उन्होंने बताया कि मेरे बच्चे पहले मंदसौर के ग्राम कुचडोद के सनशाइन स्कूल में पढ़ते थे जहां से टीसी और मार्कशीट देने से मना कर दिया गया हैं।

इस मामले में अभिभावक दिलीप सिंह ने डीईओ मंदसौर को आवेदन भी दिया लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं दिया गया था। सनशाइन स्कूल कुचडोद के संचालक ने डीईओ रतलाम को मेरे बारे में शिकायत कर दी। इस पर तत्कालीन डीईओ रामेश्वर चौहान ने मेरे स्कूल की मान्यता निरस्त करने की धमकी देकर मुझसे 50 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। लोकायुक्त डीएसपी शैलेन्द्र सिंह ठाकुर ने रिश्वत मांगने की पुष्टि के लिए रिकार्डिंग करवाई।

आवेदक ने डीईओ चौहान से रिश्वत के रुपए कम करने कम करने का कहा तो वह 15 हजार रुपए लेने तैयार हो गए।
6 मई 2019 को डीईओ कार्यालय में ही तत्कालीन डीईओ रामेश्वर चौहान को सुखदेव पांचाल से रिश्वत लेते पकड़ा गया था।

जिला अभियोजन अधिकारी गोविन्द प्रसाद घाटिया एवं अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी विजय पारस ने बताया कि तत्कालीन डीईओ चौहान ने पांचाल से 500-500 के 30 नोट लेकर सामने की टेबल पर रखे और फिर गिनने लगे तभी लोकायुक्त टीम पहुंची और उन्हें रंगें हाथों पकड़ लिया था।