Fraud : 6.70 करोड़ की धोखाधड़ी करने वाले सागर के सॉफ्टवेयर डेवलपर को मथुरा से पकड़ा
विदेश भागने की कोशिश में सारी सम्पति का सौदा कर लिया
Indore : क्रिप्टो करेंसी ऐप से 6.70 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। यह फर्जीवाड़ा(Fraud )
कंपनी के सॉफ्टवेयर डेवलपर संदीप गोस्वामी ने ही किया। इंदौर की सॉफ्टवेयर कंपनी के जापानी क्लाइंट से इस डेवलपर ने पत्नी और मां के वॉलेट में ये रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद वह सारी संपत्ति बेचकर विदेश भागने की तैयारी में था, पर उसके पहले साइबर पुलिस ने उसे मथुरा से पकड़ लिया। ये सॉफ्टवेयर जानकार सागर का रहने वाला है।
संदीप गोस्वामी ने इसी बीच कंपनी ने छोड़ दी थी।
आरोपी के घर जब सागर में सायबर की टीम पहुंची तो यहां कोई नहीं मिला। पुलिस को आरोपी के मथुरा वृंदावन में होने की सूचना मिली। वह अपनी संपत्ति बेचकर विदेश जाने की तैयारी में था, उसने इसका सौदा भी कर लिया था, लेकिन उसके पहले सायबर पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
जानकारी के मुताबिक आरोपी अपने सॉफ्टवेयर कंपनी से जापान के क्लाइंट का क्रिप्टो ई-वॉलेट बनाया था। इस ई-वॉलेट में रिवार्ड के लिए कई फेक आईडी बनाकर फेक इन्वेस्टमेंट क्रेडिट किया। इस फेक इन्वेस्टमेंट से आरोपी को रिवार्ड बोनस भी मिला था।
एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि 15 जुलाई 2021 को नो बार्डर्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीयूष सिंह ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में कहा गया कि किप्ट्रो बेस्ड प्रोडक्ट के जापानी क्लाइंट रियोत केशी कुबो के क्रिप्टो करेंसी ऐप से क्रिप्टो करेंसी (BTC, ETH ) धोखाधड़ी की है।
सायबर सेल ने इसकी जांच की, तो पता चला कि जापान के क्लाइंट के लिए पीयूष की कंपनी ने 3 प्रोडक्ट्स बनाकर दिए थे। इन प्रोडक्ट्स का उपयोग करके कोई भी यूजर अपना डिजिटल वॉलेट (Account) बना सकता है।
इस डिजिटल वॉलेट में क्रिप्टो स्टोर कर सकता है और उन्हें निवेश कर सकता है। लेकिन, पीयूष की कंपनी में ही सॉफ्टवेयर डेवलपर संदीप गोस्वामी ने एक्सेस का गलत उपयोग कर उसने जापानी क्लाइंट के प्रोडक्ट में फर्जी यूजर बना दिए। उनमें यूपीआई के द्वारा क्रिप्टों का फर्जी इंवेस्टमेंट दिखाया, जिससे आरोपी को भी डेली रिवार्ड मिलने लगा। इसके बाद पुलिस ने संदीप को मुख्य आरोपी बनाया।