
Fraud : जिला पंजीयक पर धोखा-धड़ी का आरोप! व्यापारी ने की शिकायत!
Ratlam : जिला पंजीयक इंदौर-3 समरथमल राठौर पर 10 साल पहले बदनावर में उप पंजीयक रहते धोखाधडी के आरोप लगे हैं। समरथमल ने रतलाम के प्रसिद्ध अनाज व्यवसायी महेन्द्र कुमार टाक के साथ अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त में धोखा-धड़ी का आरोप लगाया है।
इस मामले में अनाज व्यवसायी ने सीएम हेल्प लाइन सहित विभिन्न स्तर पर शिकायत की थी, जिसे जांच में इंदौर के वरिष्ठ पंजीयक दीपक शर्मा ने सही पाया हैं। उन्होंने इस संबंध में उप महानिरीक्षक पंजीयन को रिपोर्ट भेजी है।
बता दें कि अनाज व्यवसायी महेन्द्र कुमार टाक ने कलेक्टर इंदौर, संभाग आयुक्त, ईओडब्ल्यू एवं लोकायुक्त एसपी के साथ सीएम हेल्प लाइन में शिकायत की थी। इसमें बताया गया था कि वर्ष 2009 से 2013 के बीच बदनावर जिला धार में उप पंजीयक रहें समरथमल राठौर ने उनसे जान पहचानकर ठगी की।
शिकायत में कहा गया है कि समरथमल के कहने पर बदनावर की अग्रवाल कॉलोनी में 1 भूखंड महेन्द्र ने अपनी पत्नी मायादेवी के नाम से पार्टनरशीप में खरीदा था। इस दौरान सिक्यूरिटी के रूप में समरथमल ने भूखंड की मूल रजिस्ट्री, कुछ खाली चेक ओर कोरे स्टाम्प लिए थे, जो बाद में भूखंड के रुपए देने के बाद भी नहीं दिए।
इन्हीं चेको को बाद उन्होंने अपने, राजमल जैन, जितेन्द्र पिता रामरतन राठौड, प्रवीण कुमार पिता पारसमल सिसौदिया और कंचनदेवी पिता रामरतन राठौड के नाम से बैंक में लगवाकर महेन्द्र के खिलाफ कानूनी कार्यवाही कर डाली।
शिकायत के अनुसार समरथमल ने बदनावर में खरीदे गए भूखंड को भी मायादेवी टाक की सहमति के बिना भगत सिंह मार्ग बदनावर निवासी पंकज कुमार पिता महेन्द्र प्रकाश शर्मा के नाम से पावर आफ अटार्नी बनवाकर बेचने का प्रयास किया। शिकायत में कहा गया है कि उसने मूल रजिस्ट्री नहीं लोटाई और बाद में धोखाधडी कर वर्ष 2006 से एक अनुबंध अपनी सास गंगाबाई राठौड के नाम से महेन्द्र की माताजी से उनके मकान को बेचने का बना लिया।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि इसमें गंगाबाई के हस्ताक्षर खुद समरथमल ने कर दिए। इसे लेकर रतलाम न्यायालय में प्रकरण चल रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जांच में वरिष्ठ पंजीयक ने महेन्द्र कुमार टाक की शिकायत को सही पाया और इसकी रिपोर्ट डीआईजी को भेजी है।
बताया गया है कि सीएम हेल्प लाइन में उक्त शिकायत 22 जुलाई 2023 को दर्ज हुई थी और 6 मार्च 2024 को शिकायत सही पाए जाने पर उसे एल-4 अधिकारी के यहां दर्ज कर दिया गया हैं।











