Fraud in Indore Municipal Corporation : इंदौर के गार्डन की दीवार बनाए बिना भुगतान के बिल लगाने पर एक निलंबित, मस्टर उपयंत्री को निकाला!

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Fraud in Indore Municipal Corporation : इंदौर के गार्डन की दीवार बनाए बिना भुगतान के बिल लगाने पर एक निलंबित, मस्टर उपयंत्री को निकाला!

ठेकेदार फर्म मेसर्स ‘सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर’ को निगम आयुक्त ने ब्लैक लिस्टेड किया!

Indore : निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने स्थल पर बिना कार्य माप दर्ज कर देयक भुगतान के लिए लेखा शाखा में भेजकर निगम को वित्तीय क्षति पहुंचाने वाले सहायक यंत्री उद्यान लक्ष्मीकांत वाजपेई को निलंबित कर दिया। इसके अलावा प्रभारी मस्टर उपयंत्री हरीश कारपेंटर की सेवा भी समाप्त की गई। निर्माण कार्य में संलग्न एजेन्सी मेसर्स सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर को निगम ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया है।
लक्ष्मीकांत वाजपेई (मूलपद-उपयंत्री) तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री, उद्यान सिविल शाखा एवं प्रभारी मस्टर उपयंत्री हरीश कारपेंटर को नगर पालिक निगम में पदस्थ रहने के दौरान वार्ड क्रमांक 79 में शगुन अपार्टमेंट के समीप कॉलोनी नाइजर के समय में निर्मित उद्यान की क्षतिग्रस्त दीवार के निर्माण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लिए देयक राशि 13,34,979 रुपए के लेखा शाखा में भुगतान के लिए भेजे गए।

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विदित हो कि निगम आयुक्त ने एक स्थानीय समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार के बाद मुख्यालय स्तर से कराए सत्यापन में उद्यान की पूर्व से दीवार निर्मित न होकर नवीन निर्मित कार्य प्रगतिशील होना पाया गया। स्थल पर बिना कार्य माप दर्ज करने वाले सहायक यंत्री एवं उपयंत्री द्वारा राशि 13,34,979 रुपए के देयक प्रमाणित किए जाने का कृत्य अनुशासनहीनता तथा निगम हित के प्रतिकूल कृत्य था।

निगम आयुक्त ने पाया कि लक्ष्मीकांत वाजपेई एवं हरीश कारपेंटर ने आवंटित दायित्वों का समुचित तरीके से निर्वहन नहीं किया। उन्होंने स्वैच्छिक कार्य करते हुए नियम विरुद्ध बिना कार्य पूर्ण किए कार्यों के देयक का प्रमाणीकरण कर निगम को वित्तीय क्षति पहुँचाने की कोशिश की। तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री (उद्यान) लक्ष्मीकांत वाजपेई को निलंबित किया जाकर विभागीय जांच के आदेश जारी किए गए। प्रभारी मस्टर यंत्री हरीश कारपेंटर को भी कार्य से मुक्त करते हुए उसकी सेवा समाप्त की गई।

इस घटनाक्रम के अनुक्रम में उपरोक्त कार्य में संलग्न एजेंसी मेसर्स सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर एवं इनके प्रोप्राराईटरशिप / पार्टनरशिप की अन्य समस्त फर्मों को नगर पालिक निगम, इंदौर की आगामी सभी निविदाओं एवं कार्यों के लिए तत्काल प्रभाव से 3 साल के लिए प्रतिबंधित/ब्लेक लिस्टेड कर निविदा प्रकिया में भाग लेने से रोक लगाई गई।