Fraud : तहसीलदार की आईडी, पासवर्ड से कारस्तानी करने वाला कर्मचारी नहीं पकड़ाया!

5120
Fraud

Fraud : तहसीलदार की आईडी, पासवर्ड से कारस्तानी करने वाला कर्मचारी नहीं पकड़ाया!

Ratlam. जिले के ग्राम नामली टप्पा तहसील के 1 शासकीय कर्मचारी ने बगैर सक्षम आदेश के नायब तहसीलदार की आईडी से राजस्व रिकॉर्ड से सहकृषकों के नाम हटाकर छेड़खानी के मामले में नायब तहसीलदार की रिपोर्ट पर नामली पुलिस ने आरोपी कर्मचारी विशाल कुमावत पिता राजाराम कुमावत निवासी नामली के विरुद्ध Fraud का प्रकरण दर्ज किया है।

शुक्रवार को पुलिस ने उसकी तलाश में उसके घर व अन्य स्थानों पर दबिश दी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा।

आरोपी के गिरफ्तार में आने के बाद पूछताछ में अन्य प्रकरणों में की गई गड़बड़ी की जानकारी सामने आने की संभावना है। इसमें कुछ अन्य लोगों के नाम भी शामिल होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।

बता दें कि नामली तहसील क्षेत्र में विगत कुछ माह से राजस्व रिकॉर्ड में हेरा-फेरी और कारस्तानी करते हुए भूमि स्वामी की जानकारी के बगैर ही जमीन बिक जाने के मामले में जनसुनवाई में भी शिकायतें हुई थी।

Also Read: Operation of 3 Pairs of Special Trains : ट्रेनों में बढ़ती भीड़ के लिए 3 जोड़ी स्‍पेशल ट्रेनों का परिचालन! 

इस मामले में नायब तहसीलदार कुलभूषण शर्मा ने थाने पर प्रतिवेदन दिया है कि आरोपी विशाल कुमावत विगत 1 माह से तहसील टप्पा नामली में सीएम हेल्पलाइन के सहयोग के लिए कार्यरत था। उसने ग्राम धामनोद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 1607/2/1 रकबा 0.1100 हेक्टेयर के सह कृषक भागवता बाई पत्नी अंबाराम एवं गोपाल पुत्र बाबूलाल के नाम से उनकी वेब जीआइएस आईडी का दुरुपयोग किया और इन किसानों का नाम बिना किसी सक्षम आदेश के हटा दिया था।

इसका फायदा उठाकर शेष सहकृषकों ने उक्त भूमि ई पंजीकरण के माध्यम से 26 मार्च 2024 को विकृय कर दी। इसी प्रकार विशाल कुमावत ने ग्राम धामनोद स्थित भूमि सर्वे क्रमांक 386 के सहकृषकों में से भी भूलीबाई बेवा हेमा का नाम गायब कर दिया था। जमीन विक्रय के पूर्व ही यह मामला संज्ञान में आने पर विक्रयपत्र संपादित करवाने से रुकवा दिया गया।

आरोपी को पहले से पासवर्ड पता था!

Also Read: लोकसभा चुनाव: राजनेताओं के बीच तीखी होती जुबानी जंग!

विशाल कुमावत को नायब तहसीलदार की आईडी एवं पासवर्ड वर्तमान में राजस्व महाअभियान में पटवारी द्वारा काम करने के कारण पहले से पता था। वह तहसीलदार द्वारा मोबाइल टेबल छोड़कर इधर-उधर जाने पर मोबाइल की होमस्क्रीन से ओटीपी देखकर नाम विलोपित करने की कार्रवाई करता था।

धोखेबाज विशाल के अन्य सहयोगियों के नाम भी शामिल हो सकते हैं, यह उसके पुलिस की गिरफ्त में आने पर पता चलेगा।