मन की बात से लाड़ली बहना तक …

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मन की बात से लाड़ली बहना तक …

अप्रैल का अंतिम रविवारीय दिन, वर्ष 2023 और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मन की बात’ की सेंचुरी को उत्सवी माहौल में सुनती भोपाल शहर की हजारों बहनें, साथ में बैठकर सुनते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर। सुबह 11 बजे गोविंदपुरा विधानसभा में तीन मंजिला भवन की तीनों फ्लोर पर बहनों की भीड़ मोदी की ‘मन की बात’ को पूरी शांति से सुनती रही। आधा घंटा से ज्यादा समय में मोदी ने ‘मन की बात’ के विजयादशमी 3 अक्टूबर 2014 से शुरू हुई इस यात्रा के सौवें पड़ाव तक की यादों को साझा किया। समाज को नई दिशा देने वाले और अपने प्रेरणादायी कामों से नई रोशनी बिखेरने वाले उन कुछ लोगों से मोदी ने सौवें एपीसोड में दिल खोलकर बात की, जो ‘मन की बात’ का हिस्सा बन चुके थे।
अपने मन की बात कही कि दूसरे के गुणों की पूजा करनी चाहिए। व्यक्ति को सकारात्मकता के साथ अच्छाईयों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। मोदी ने साझा किया कि ‘मन की बात’ उनके सीखने का भी माध्यम बनी।‌ कोटि-कोटि लोगों के मन की बात संदेशों के जरिए उन तक पहुंचती है। बराक के साथ मन की बात दुनिया में चर्चा होने की बात को भी मोदी ने सराहा। और ‘मन की बात’ को हर महीने आने वाला सकारात्मकता का पर्व बताया। उन्होंने अपने अंतर्मन की वह बात बताई कि 2014 में दिल्ली आने के बाद वह दुविधा में थे कि व्यस्ततम समय में कैसे देशवासियों के साथ संपर्क हो पाएगा, तब ‘मन की बात’ इस चुनौती का समाधान बनकर सामने आई। और ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों के अद्भुत स्वरूप के दर्शन हर बार कर पाता हूं।
‘मन की बात’ आस्था पूजा व्रत है। ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद का थाल है। स्व से समष्टि की यात्रा है। अहम से वयम की यात्रा है। आध्यात्मिक भाव की यात्रा है, वगैरह वगैरह। मोदी ने कहा कि मन की बात में कितने ही जनआंदोलनों ने जन्म लिया और गति भी पकड़ी है। मन की बात जिस भी चीज से जुड़ा वह जनआंदोलन बन गया। जिक्र किया कि मेरे मार्गदर्शक लक्ष्मण लाल जी हमेशा कहते थे कि हमें दूसरों के गुणों की हमेशा पूजा करनी चाहिए। कोई हमारा साथी हो, हमारा विरोधी हो, हमें उसके गुणों से सीखना चाहिए। मन की बात दूसरों के गुणों से सीखने का बहुत बड़ा माध्यम बन गई है। इस कार्यक्रम ने कभी भी मुझे आपसे दूर नहीं होने दिया। न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 100वीं कड़ी के प्रसारण के सम्मान में विशेष प्रस्ताव जारी किए हैं। प्रस्तावों में कहा गया है कि यह ‘‘अहम’’ प्रसारण ‘‘सुशासन को बढ़ावा देने और लोकतंत्र को मजबूत करने’’ के लिए संचार का एक प्रभावी साधन बन गया है। मोदी ने खास तौर से यूनेस्को की डीजी औद्रे ऑजुले के संदेश की चर्चा की। बताया कि उन्होंने सभी देशवासियों को सौ एपिसोड्स की इस शानदार यात्रा के लिये शुभकामनायें दी हैं। उन्होंने खास तौर पर शिक्षा और संस्कृति का जिक्र किया। ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड का संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में भी सीधा प्रसारण किया गया। मोदी ने कहा, “मेरा अटूट विश्वास है कि सामूहिक प्रयास से बड़े से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”
तो मोदी की सेंचुरी हिट हो गई और इसे देश में सभी जगह पर्व की तरह सुना गया। निश्चित तौर पर मोदी की राजनैतिक यात्रा में इस गैर राजनैतिक कार्यक्रम ने इतिहास रचा है। जैसे ही मोदी ने ‘मन की बात’ पूरी कर इजाजत ली, तो लाड़ली बहनों को बीच में पाकर भैया शिवराज खुद को रोक नहीं पाए। और जब बहन कृष्णा गौर ने प्रिय भैया शिवराज को लाड़ली बहनों से मुखातिब होने का आग्रह किया, तब फिर भैया शिवराज खुद को कैसे रोक पाते। उन्होंने हजारों लाड़ली बहनों से फिर जो संवाद किया, उसमें शिवराज मध्यप्रदेश में बहन-बेटियों के सबसे बड़े हितैषी साबित हुए। उन्होंने मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के रूप में पहली पारी में शुरू की गई मुख्यमंत्री कन्यादान योजना का जिक्र किया, लाड़ली लक्ष्मी योजना की चर्चा की। स्थानीय चुनावों में महिलाओं की पचास फीसदी सहभागिता सुनिश्चित करने का जिक्र किया। पुलिस भर्ती में महिलाओं का आरक्षण के फैसले की चर्चा सहित महिलाओं के हित में उठाए गए सारे कदमों को याद किया। और फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाड़ली बहना योजना के मन से निकलकर धरातल पर आकार लेने का पूरा ब्यौरा सामने मौजूद लाड़ली बहनों के सामने रख दिया। और अपनी मंशा उजागर की, कि उनका लक्ष्य बहन को हर महीने एक हजार रुपए देने तक सीमित नहीं है बल्कि वह चाहते हैं कि हर बहन महीने में कम से कम दस हजार रुपए कमाएं और उसका रास्ता स्व सहायता समूह से होकर जाता है।
इस पर बहनों की तालियों की गड़गड़ाहट ने यह साबित कर दिया कि भैया शिवराज के प्रयास अब तक लाड़ली बहनों की आस बनकर उनके दिलो-दिमाग में बसे थे और आगे भी लाड़ली बहनों का पूरा भरोसा शिवराज पर है। मुख्यमंत्री ने बताया कि लाड़ली बहना के एक करोड़ 20 लाख आवेदन आ चुके हैं। और आवेदनों का सिलसिला जारी है। मई में आवेदनों की स्क्रुटनी और जून से बहनों के खाते में एक हजार रुपए प्रति माह की आवक शुरू। परिवार में तीन पात्र सदस्य तो तीन हजार रुपए प्रति माह की आमदनी और साल के 36 हजार। सास भी बहू पर लाड़ प्यार जताने को मजबूर हो जाएगी। और अंत में मुख्यमंत्री ने गाना भी गुनगुनाया – फूलों का तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है…सारी उम्र हमें संग रहना है। और जहां मुख्यमंत्री रुके, वहां लाड़ली बहनों का स्वर पूरे हॉल में गूंजता रहा। ‘मन की बात’ में मोदी की आवाज से शुरू हुई बात… शिवराज और हजारों लाड़ली बहनों के “फूलों का तारों का सबका कहना है” गीत गुनगुनाने पर थमी। और फिर अप्रैल का अंतिम रविवार भोपाल में बारिश के संग खुशनुमा बन गया…।