कालिका माता मंदिर की भूमि आरडीए को आवंटित करने के विरोध में सनातन धर्मावलंबियों में रोष

धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को भी शिकायत

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साड़ी क्लस्टर की योजना को अन्यत्र स्थान पर तब्दील करने की उठी मांग

रतलाम. शहर के प्राचीन धर्मस्थल श्री कालिका माता मंदिर की भूमि पर जिला प्रशासन द्वारा योजना बनाते हुए इस भूमि को रतलाम विकास प्राधिकरण को आवंटित करने के निर्णय पर सनातन धर्मावलंबियों में रोष व्याप्त है।

सनातन धर्म सभा के सदस्यों ने इस मामले में धर्मस्व मंत्री उषा ठाकुर को शिकायत करते हुए इस योजना को अन्यत्र स्थान पर तब्दील करने की मांग की है।

बता दें कि तहसील कार्यालय द्वारा दिनांक 20.दिसम्बर.2022 को इस आशय की विज्ञप्ति जारी की गई थी कि कालिका माता मंदिर की उक्त भूमि साड़ी क्लस्टर के लिए विकास प्राधिकरण को आवंटित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। जिसके विरोध में सनातन धर्म सभा द्वारा शिकायत की गई है।

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कालिका माता मंदिर अति प्राचीन होकर रतलाम की समस्त धर्मप्रेमी जनता की आस्था का केन्द्र हैं एवं तत्कालीन रियासत द्वारा मंदिर की व्यवस्था एवं विस्तारीकरण के लिए महू रोड़ पर सर्वे नंबर 1102 रकबा 1.590 हेक्टर की भूमि आवंटित की गई थी, जो कोर्ट ऑफ वार्ड्स में श्री कालिका माता मंदिर की भूमि होने का इन्द्राज है एवं राजस्व अभिलेख में भी यह इन्द्राज है।

तहसील कार्यालय ने इस मामले में 20.दिसम्बर.2022 को विज्ञप्ति जारी की थी कि कालिका माता मंदिर की उक्त भूमि साड़ी क्लस्टर के लिए विकास प्राधिकरण को आवंटित करने का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।

इन्होंने की आपत्ति दर्ज

अभिभाषक प्रकाश चन्द्र मजावदीया, सोहनलाल व्यास, अशोक शर्मा तथा सनातन धर्म सभा के राजेंद्र शर्मा, राजेश माहेश्वरी ने आपत्ति प्रस्तुत करते हुए उक्त सर्वे नम्बर की भूमि साड़ी क्लस्टर के लिए आवंटित नहीं करते हुए धार्मिक कार्यक्रम के लिए आरक्षित किए जाने की मांग की है एवं कोर्ट ऑफ वार्ड्स की कोई भी भूमि आवंटित करने का अधिकार तहसीलदार को भी नहीं है।

इस संदर्भ में धर्मस्व एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को भी शिकायत की गई है। उनसे भी मांग की गई है कि उक्त सर्वे नम्बर की भूमि रतलाम विकास प्राधिकरण को आवंटित नहीं किया जाएं। उन्होंने शिकायत में जिलाधीश रतलाम को निर्देशित करने का अनुरोध किया है।