G-20 Agriculture Working Group Meeting : खाद्यान्न के लिए ‘3S स्ट्रेटजी’ अपनाना होगी!

नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच चर्चा की!

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G-20 Agriculture Working Group Meeting : खाद्यान्न के लिए ‘3S स्ट्रेटजी’ अपनाना होगी!

Indore : जी-20 कृषि कार्य समूह की बैठक के दूसरे दिन नागरिक उड्डयन मंत्री जी 20 देशों के प्रतिनिधियों के बीच पहुंचे। उन्होंने यहां मध्य प्रदेश के कृषि विकास के साथ देश के खाद्यान्न आज निर्भरता के लिए 3एस स्ट्रेटजी पर जोर दिया। सिंधिया ने कहा कि खाद्यान्न के लिए हमें 3एस स्ट्रेटजी अपनाना होगा, जो स्मार्ट हो, सर्व सुलभ हो और जिसमें सभी की भागीदारी हो।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जी-20 सदस्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच चर्चा के दौरान कहा कि दूध के उत्पादन में विश्व के अन्य देशों की तुलना में भारत नंबर वन है। सब्जी और फल के उत्पादन में विश्व में नंबर 2 पर है। अन्न के उत्पादन में विश्व में तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा करीब 2 दशक पहले मध्य प्रदेश में 165 लाख टन का उत्पादन होता था।

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मध्य प्रदेश में आज करीब 619 लाख टन का उत्पादन हो रहा है। मतलब 400 गुना की बढ़ोतरी मध्य प्रदेश में हुई है। अनाज उत्पादन के क्षेत्र में पिछले 8 वर्षों में हम 265 मिलियन टन से करीब 315 मिलियन टन तक पहुंच गए। सोयाबीन और दाल के अलावा लहसुन का उत्पादन भी मध्यप्रदेश में उल्लेखनीय है।

अब कृषि कार्यों में नई-नई तकनीकों का विकास हो रहा है। भारत सरकार कृषि के विकास के लिए अतिरिक्त बजट का भी प्रावधान लगातार कर रही है। ड्रोन टेक्नोलॉजी पर आधारित नई तकनीकों को आने से ट्रकों को सहूलियत मिली है। जी-20 का तीसरा दिन अब प्रमुख प्रतिनिधियों के डिलीवरेबल्स पर विचार विमर्श के लिए समर्पित होगा। यह एक तकनीकी सत्र होगा। इसमें संबंधित सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के बीच चर्चा की भागीदारी रहेगी।

नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़ती उपयोगिता का जिक्र करते हुए कहा कि देश को विभिन्न सेक्टरों में 8 निर्भरता के लिए ड्रोन टेक्नोलॉजी का विकास जरूरी है। ड्रोन नीति की घोषणा के बाद देश को ड्रोन का हक बनाने की तैयारी की गई है। देश में रेड ग्रीन और येलो एरिया चिन्हित करने के बाद ड्रोन के विभिन्न सेक्टरों में उपयोग पर फोकस किया जा रहा है।

इसी तरह रॉबर्ट पॉलिसी मैकिंग के जरिए सर्विस और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में ट्राइपॉड बेस प्लान के जरिए ड्रोन का उपयोग देश के हर सेक्टर में जरूरी होगा। जिसे लेकर विभाग गंभीरता से प्रयास कर रहा है।