सूचना के अधिकार में मदद के लिए GAD रखेगा परामर्शी, साठ हजार मासिक होगा वेतन

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भोपाल. सामान्य प्रशासन विभाग को सूचना का अधिकार अधिनियम के आवेदनों का निराकरण करने के लिए एक परामर्शी की जरुरत है। अनुबंध के आधार पर इसकी तैनाती एक साल के लिए की जाएगी।

सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रदेश के ऐसे सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी से परामर्शी के लिए आवेदन बुलाया है जो सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण में लोक सूचना अधिकारी, सहायक लोक सूचना अधिकारी तथा प्रथम अपील के निराकरण के लिए अपीलीय अधिकारी का सहयोग कर सके। ऐसे अधिकारी की इस पद पर तैनाती की जाएगी जिसके मंत्रालय में काम करने का अनुभव हो। जो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत आने वाले आवेदनों को देखने, उनका निराकरण करने का अनुभव रखता हो। जिसे सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में वर्णित प्रावधानों, नियमों और परिपत्रों का ज्ञान हो। परामर्शी को हर माह साठ हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। इसके अलावा किसी तरह का अतिरिक्त वेतन और भत्ता नहीं दिया जाएगा।

इस पद के लिए केवल वे उम्मीदवार ही आवेदन कर पाएंगे जिनकी आयु सीमा आवेदन की तिथि को 66 वर्ष से अधिक नहीं हो। पहले नियुक्ति छह माह के लिए की जाएगी। यदि जरुरत पड़ी तो आपसी समझौते से यह अवधि एक साल तक बढ़ाई जा सकेगी।

क्यों पड़ी जरुरत-

सामान्य प्रशासन विभाग कार्मिक में भारतीय प्रशासनिक सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा से जुड़े अधिकारियों के मामले आते है। उनकी सेवा शर्तो, विभागीय जांच, सीआर, पदोन्नति से जुड़े दस्तावेज सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत मांगे जाते है। इसमें कई जानकारी गोपनीय होती है। इसे सामान्यत: बताया नहीं जा सकता। लेकिन सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत कौन सी जानकारी सार्वजनिक की जा सकती है और किन जानकारियों को अधिनियम के तहत रोका जा सकता है इसका विश्लेषण करने वाला जानकार अधिकारी यहां रहेगा तो सामान्य प्रशासन विभाग यह सारी जानकारी देने या नहीं देने पर सही निर्णय ले सकेगा। इसीलिए किसी सेवानिवृत्त जानकार अधिकारी की यहां तैनाती की जाना है।