Ganesh Chaturthi 2025: श्री गणेश की स्थापना , पूजा मुहूर्त, मन्त्र और सामग्री

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Ganesh Chaturthi 2025: श्री गणेश की स्थापना , पूजा मुहूर्त,मन्त्र और सामग्री

भाद्र मास की शुक्ल पक्ष चतुर्थी को सिद्धि विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल यह 27 अगस्त को है। महाराष्ट्र सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में में गणेश चतुर्थी से 11 दिनों तक गणेश उत्सव होता है। इस दिन गणपति की प्रतिमा स्थापित की जाती है। यहां जानें अपने घर में गणेश जी को स्थापित करने का शुभ मुहूर्त।

कल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। कल यानी 27 अगस्त से गणेश उत्सव का आरंभ हो रहा है और 6 सितम्बर यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इसका समापन होगा। इस साल भाद्र मास की सिद्धि विनायक चतुर्थी 27 अगस्त को है। महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी से 11 दिनों तक गणेश उत्सव मनाया जाता है। और गणेश चतुर्थी पर गणपति का आगमन किया जाता है और गणेश प्रतिमा की स्थापना करके उनका पूजा विधि विधान सहित किया जाता है।

07 09 2024 ganesh chaturthi wishes

इस साल यह शुभ संयोग 27 अगस्त को बना है क्योंकि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ दिन में 1 बजकर 55 मिनट से हो रहा है जबकि 27 अगस्त को दिन में 3 बजकर 45 मिनट तक चतुर्थी तिथि व्याप्त रहेगी। ऐसे में मध्याह्न काल समाप्त होने के बाद 26 अगस्त को चतुर्थी लगने से 26 अगस्त को सिद्धि विनायक चतुर्थी का व्रत नहीं होगा और 27 अगस्त को मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी तिथि होने से 27 अगस्त को गणपति की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा पूजन करना शास्त्र सम्मत होगा।

पंचांग की गणना के अनुसार 27 अगस्त को गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त 11 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। इस दौरान 12.30 से राहुकाल लग जाएगा। ऐसे में 11 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 30 तक का समय गणपति स्थापना और पूजन के लिए उत्तम रहेगा। ओम गं गणपतये नमः मंत्र से गणेशजी की स्थापना और पूजन करें।

इस मंत्र का जाप करें -शास्त्रों में गणपति जी को बुद्धि के देवता माना गया है। उनकी कृपा से जातकों को सद्बुद्धि, सफल व्यापार और करियर में अच्छे परिणामों की प्राप्ति होती हैं। 

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर काय, करोड़ सूर्य के समान महान प्रतिभाशाली। मेरे प्रभु, हमेशा मेरे सारे कार्य बिना विघ्न के पूरे करें ॥
यह मंत्र हर प्रकार की बाधाओं और अड़चनों को दूर करने में सहायक है। किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले इस मंत्र का जाप करने से कार्य में सफलता मिलती है। यह मंत्र मन को शांत करता है और एकाग्रता बढ़ाता है।
पूजन सामग्री- 
गणपति पूजन में लाल फूल, दूर्वा (दूब), मोदक और सिंदूर का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दूर्वा और मोदक गणपति के प्रिय हैं.