Gang of Thug Students : कॉलेज के चार छात्रों ने लालच देकर लाखों ठगे

कमीशन देकर दूसरे छात्रों के बैंक खातों का उपयोग किया

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Indore : आजाद नगर थाना क्षेत्र में एक ऐसा ऑनलाइन ठगों का गिरोह पकड़ाया जिन्हें उनके परिवार ने पढ़ाई करने भेजा था। लेकिन, यहां वे अपनी जरूरतों को पूरा करने और शौक मौज के लिए ठग बन गए। पुलिस ने 4 छात्रों को गिरफ्तार किया है जो कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे लेकिन उन्होंने एक एप्लीकेशन के माध्यम से सैकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाकर अब तक 50 लाख रुपए ठग लिए।
शिकायत के बाद पुलिस ने इन चारों छात्रों को गिरफ्तार किया। इनसे पूछताछ की जा रही है। आजाद नगर थाना क्षेत्र में कुछ समय पहले ऑनलाइन मार्केटिंग एप्लीकेशन के बारे में एक फरियादी ने पुलिस को शिकायत की, कि एफिलिएट मार्केटिंग के नाम से इंस्टाग्राम पर कुछ समय पहले एक विज्ञापन आया था। इसमें 2000 देने के बाद चंद घंटों में पैसा कई गुना कर दिया जाता था। ये बदमाश इतने शातिर थे कि बैंक खाते में रुपए डलवाने के बाद 25 से 30 घंटे में 2000 के 25 से 27 हज़ार करने का झांसा देते थे।
पकड़े गए बदमाश हर्षित सिंह चौहान निवासी ग्वालियर है जो एमबीए की पढ़ाई पूरी कर चुका है। अन्य आरोपी मयंक सिंह चौहान, आर्यन ठाकुर और नितिन साहू हैं। गिरोह का सरगना नितिन साहू को बताया जा रहा है, जो टीकमगढ़ निवासी है। इंदौर आने के बाद उसने यह पूरा ठग गिरोह शुरू किया। वह इंस्टाग्राम के जरिए लोगों से खातों में रुपए डलवाने के बाद इंस्टाग्राम की उस आईडी को ब्लॉक कर देता था।

ये ऐसे करते थे ठगी
गिरोह का सरगना नितिन साहू द्वारा पहले एफिलिएट मार्केटिंग नामक इंस्टाग्राम पर एक आईडी बनाई। जिसमें कुछ लाखों फॉलोअर को खरीदा गया और इंस्टाग्राम आईडी पर कई लोगों को प्रमोशन के माध्यम से प्रलोभन दिया। जब शिकार इसमें फंस जाता, तो उससे नितिन साहू किसी अन्य व्यक्ति के खाते में रुपए ट्रांसफर करवाता जिससे किसी को शक न हो। रुपए आज आने के बाद वह संबंधित व्यक्ति को लेकर जाता और वह रुपए निकाल लेता। जिस व्यक्ति के खाते में यह रुपए आते थे उसका भी परसेंटेज फिक्स होता।
चारों आरोपी कॉलेज के छात्र हैं। इस कारण से वे कॉलेज में आने वाले अन्य छात्रों के संपर्क में रहते। उन्हें लग्जरी लाइफ दिखाते जिससे आने वाले नए विद्यार्थी भी इनसे इसी तरह से लग्जरी लाइफ जीने का तरीका पूछते थे। इसके बाद गिरोह के नितिन साहू सहित आर्यन और मयंक दूसरे छात्रों को यह बताते थे, कि तुम्हें केवल अपना बैंक खाता इस्तेमाल करने के लिए देना होगा। जब दूसरे छात्र के खातों में रुपए आने लगते तो वह कुछ परसेंटेज रोककर बाकी रुपया गिरोह के इन लोगों को दे दिया करते थे। आरोपियों के पास से 20 एटीएम, चेक बुक और 7 लाख का सोना, तीन महंगी बाइक बरामद हुई।आरोपियों ने यह भी बताया कि ऐसा ही एक गिरोह शहर में अन्य छात्रों द्वारा भी चलाया जा रहा है जिसकी पुलिस अब खोजबीन कर रही है।