Gangrape : बिहार के एक पूर्व विधायक और IAS अधिकारी पर गैंगरेप का आरोप!

पुलिस जांच में पीड़ित महिला वकील के आरोपों को सही पाया गया!

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Gangrape : बिहार के एक पूर्व विधायक और IAS अधिकारी पर गैंगरेप का आरोप!

Patna : औरंगाबाद की दुष्कर्म पीड़ित एक वकील ने कोर्ट में परिवाद दायर कर पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस पर गैंगरेप का आरोप लगाया है। इसमें पटना एसएसपी की 17 अप्रैल 2023 की रिपोर्ट में सिटी एसपी (पश्चिमी) की भी रिपोर्ट भी अटैच है। इन पत्रों पत्र के आधार पर पटना के रूपसपुर थाने में केस दर्ज किया गया है।

प्राथमिकी में नामजद अभियुक्तों (53 साल के गुलाब यादव, 48 साल के संजीव हंस और गुलाब यादव के नौकर ललित) द्वारा धोखाधड़ी और साजिश कर जान मारने की धमकी देकर रेप और सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया। इस दौरान रेप का वीडियो बनाया और उसे वायरल करने की धमकी देकर गर्भपात कराया गया।

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रूपसपुर थाने में IAS और पूर्व विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। एसएसपी ने पीड़िता के आरोपों को सही बताया। पटना एसएसपी राजीव मिश्रा की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ये कांड रेप और धोखाधड़ी जैसे गंभीर और आईटी एक्ट की धारा में प्राथमिकी अभियुक्त गुलाब यादव और संजीव हंस के खिलाफ सही पाया गया है। एसएसपी ने इस घटना में आरोपी बनाए गए एक अन्य आरोपी जो गुलाब यादव का नौकर है, उसके घटना में शामिल होने को लेकर विशेष छानबीन कर सबूत जुटाने की आवश्यकता बताई है। एसएसपी ने इस घटना से संबंधित सिटी एसपी (पश्चिमी) की रिपोर्ट पर सहमति जताई है। इस रिपोर्ट के आधार पर इस कांड के अनुसंधानकर्ता को जांच पूरा करने के लिए कुछ निर्देश भी दिए हैं।

पटना और पुणे में गैंगरेप

एसएसपी की रिपोर्ट के साथ संलग्न पटना के सिटी एसपी (पश्चिमी) की 3 अप्रैल 2023 को दी गई रिपोर्ट में दो घटनास्थल बताए गए हैं। इसमें पटना के अलावा पुणे का भी उल्लेख है। सिटी एसपी की रिपोर्ट में पहला घटनास्थल रूपसपुर थाना क्षेत्र के सौभाग्य शर्मा पथ स्थित श्याम बिंदेश्वरी अपार्टमेंट बताया गया। इस अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर-402 में रेप हुआ। इसके अलावा पुणे के एक होटल में भी गैंगरेप होना बताया गया।

पुलिस रिपोर्ट से मुश्किल, कोर्ट से राहत

2023 में रूपसपुर थाने में दर्ज केस में कई बिंदुओं पर जांच चल रही है। पटना एसएसपी राजीव मिश्रा के प्रतिवेदन-टू के बाद गुलाब यादव और संजीव हंस की मुश्किल काफी बढ़ जाएगी। हालांकि, इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने संजीव हंस और गुलाब यादव पर किसी भी तरह की कार्रवाई करने पर रोक लगाई है। संजीव और गुलाब ने पटना हाईकोर्ट में रूपसपुर थाना में दर्ज एफआईआर को निरस्त करने के लिए क्रिमनल रिट याचिका भी दायर की है।