Gas Refilling : गैस रिफिल करने वाले कई दुकानदारों पर छापेमारी!
Indore : खाद्य विभाग को कई दिनों से शहर में कई जगह गैस रिफिलिंग की शिकायत मिल रही थी। शिकायत पर कार्रवाई करने खाद्य नियंत्रक मोहन मारू ने टीम गठित की थी। टीम ने गांधीनगर के पीछे पालाखेड़ी और संविद नगर में दुकानों पर कार्रवाई की। इस दौरान बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर और अन्य उपकरण जब्त किए।
जानकारी के मुताबिक, पालाखेड़ी में दुकानदार रमेश कुमार पिता रामनारायण गुप्ता द्वारा इण्डेन गैस कंपनी के घरेलू सिलेंडर को खाली सिलेंडर में रिफिल किया जा रहा था। दुकानदार को रंगेहाथ पकड़कर वहां से दो घरेलू सिलेंडर, एक छोटा सिलेंडर, एक बंशी, एक गैस अंतरण पाइप, तौल कांटा जब्त किया है।
इसी प्रकार दल ने संविद नगर, कनाड़िया रोड में संजीवनी लाइट हाउस गैस चूल्हा रिपेयर सेंटर पर कार्रवाई की। इसके संचालक शादाब पिता उमर है। यहां से सिलेंडर रिफिल करने की बंसी, पाइप, घरेलू गैस सिलेंडर, 2 छोटे सिलेंडर अवैध बरामद किए है। वहीं, विभाग ने दोनों दुकानदारों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में प्रकरण पंजीबद्ध किया।
दुकानदार पर एफआईआर
घरेलू गैस टंकी के कमर्शियल उपयोग और अवैध रूप से संग्रहण पर खाद्य विभाग की टीम पैनी नजर रखी हुई है। शिकायत मिलने पर बगैर दबाव प्रभाव कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है। इसी क्रम में खाद्य नियंत्रक मोहन मारू के निर्देश पर अमले ने चितावद स्थित अंकित गैस चूल्हा रिपेयरिंग सेंटर का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान सेंटर पर अवैध रूप से घरेलू गैस टंकियां रखी हुई थी। अमले ने यहां से 8 भरे तथा एक खाली सिलेंडर जब्त किया। वहीं, सेंटर के संचालक अंकित पिता बसंत मालवीय के खिलाफ भंवरकुआं थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। बता दें, खाद्य विभाग लगातार सिलेंडरों के गोरखधंधे मे लिप्त दुकानदारों की धरपकड़ में लगा हुआ है।
गली-गली में गैस सिलेंडर
शहर की हर गली में छोटे सिलेंडर खुलेआम बिकते हैं। कोई इलाका नहीं, जहां छोटे सिलेंडर न बेचे जा रहे हों। उन इलाकों में ऐसी दुकानें ज्यादा है, जहां स्टूडेंट अधिक हैं। भमौरी, भंवरकुआं, गीता भवन, पलासिया, द्वारकापुरी, खजराना आदि क्षेत्र में दुकानों के बाहर की लाल रंग के छोटे सिलेंडर गैस के साथ बेचे जाते हैं। बड़े के मुकाबले छोटे गैस सिलेंडर बेचना ज्यादा फायदेमंद होता है। बड़े सिलेंडर से छोटे सिलेंडर की रिफिलिंग की जाती है। दुकान से भी गैस सिलेंडर बदलकर दे देते हैं। शहर में दुकानों पर खुलेआम रखे गैस सिलेंडर सभी लोगों को नजर आते हैं, लेकिन खाद्य विभाग के अधिकारियों को यह नजर ही नहीं आता। खंडवा की घटना के बाद जो सक्रियता दिखाई जा रही है, वो दिखावटी है।