General Coach will Increase : दिसंबर से ट्रेन के जनरल क्‍लास वालों को भी सीट, 2 साल में 10 हजार नए कोच लगेंगे!

नए जनरल कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्रियों फायदा होगा!

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General Coach will Increase : दिसंबर से ट्रेन के जनरल क्‍लास वालों को भी सीट, 2 साल में 10 हजार नए कोच लगेंगे!

New Delhi : अगले महीने यानी दिसंबर से ट्रेनों में जनरल क्‍लास में सफर करने वालों को लटककर या धक्‍कामुक्‍की करके यात्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी।क्योंकि, जनरल क्‍लास में सीटें बढ़ने जा रही हैं। भारतीय रेलवे ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया और नए कोच बनाए जाने लगे।

दिसंबर से जनरल क्‍लास से सफर करने वालों को सीट की दिक्कत नहीं होगी और राहत मिल जाएगी। रेलवे इस क्‍लास से यात्रा करने वालों की सुविधाओं में इजाफा कर रही है। रेलवे ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। इस महीने नवंबर तक की डेडलाइन तय कर दी गई। इस तरह अगले माह से जनरल क्‍लास से सफर करने वालों को सीट मिलने की संभावना पहले की तुलना में ज्यादा रहेंगी।

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रेल मंत्रालय के अनुसार जनरल क्‍लास में सफर करने वाले यात्रियों की सुविधाजनक सफर कराने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। इस दिशा में नियमित ट्रेनों में जनरल कोचों की संख्‍या बढ़ाई जा रही है। नवंबर माह में एक हजार से ज्यादा कोच जनरल कोच करीब 370 नियमित ट्रेनों में जोड़ दिए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक रेलवे के नए जनरल कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्रियों फायदा होगा। जनरल कोच लगाने का काम शुरू भी हो चुका है।

दो कोच फैक्‍ट्री में बनाए जा रहे नए कोच
रेलवे बोर्ड कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने बताया कि जनरल क्‍लास के नए कोच दो फैक्ट्रियों में बनाए जा रहे हैं। इंट्रीग्रल कोच फैक्‍ट्री चेन्‍नई और रायबरेली कोच फैक्‍ट्री में कोच निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे की अगले दो साल में 10 हजार जनरल कोच बनाने की योजना है, जिनसे सामान्य श्रेणी के करीब 8 लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना सफर कर पाएंगे। इनमें तमाम कोच एलएचबी यानी पहले से ज्‍यादा सुविधजनक होंगे। ट्रेनों में एक से तीन जरूरत के अनुसार जनरल कोच लगाए जाएंगे। इस तरह ट्रेन में चार-चार जनरल कोच होंगे।

तीन माह में 583 नए कोच बने
जुलाई से अक्टूबर जनरल श्रेणी के कुल 583 नए कोच का निर्माण किया गया है। इन कोचों को 229 रेगुलर ट्रेनों में जोड़ा गया है। इससे रोजाना जनरल श्रेणी से सफर करने वाले हजारों अतिरिक्त यात्रियों को लाभ मिल रहा है। यानी वे बैठकर सफर कर रहे हैं।