GI Tag : रतलाम के रियावन के ऊटी लहसुन को मिलेगी अपनी अलग पहचान
Indore : रतलाम जिले के रियावन गांव के ऊटी लहसुन को जीआई टेग (GI Tag) मिलने जा रहा है। प्रदेश में पहली बार किसी लहसुन को इस प्रकार की पहचान देने वाला रतलाम पहला जिला होगा। रियावन की इस ऊटी लहसुन को जीआई टेग मिलने से जिले के व्यापारियों की नई पहचान बनेगी।
पिछले अक्टूबर में जब रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने व्यापारियों तथा कृषकों की बैठक आयोजित की, तब रियावन की लहसुन की इस किस्म को GI Tag दिलाने की बात कही गई थी। इसकी कंसल्टेंसी में आने वाले खर्च में मदद के लिए भी व्यापारियों ने सहमति दे दी थी। रियावन लहसुन को GI Tag के लिए वाराणसी के पद्मश्री रजनीकांत द्वारा मात्र ढाई लाख में प्रक्रिया कराई जा रही है। जबकि, पूर्व में इसके लिए पुणे महाराष्ट्र की संस्था ने 15 लाख रुपए मांगे गए थे।
रतलाम जिले में उद्यानिकी फसलों का रकबा 92592 हेक्टेयर है। इसके 33% हिस्से में लहसुन का उत्पादन किया जाता है। पिपलोदा विकासखंड के ग्राम रियावन की लहसुन की किस्म गुणवत्ता और उत्पादन की दृष्टि से अन्य देशों की कई किस्मों से ज्यादा बेहतर है।
इसकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग को और बेहतर करने के लिए GI Tag कराया जा रहा है। जिसके दस्तावेजीकरण संबंधी कार्यवाही पूर्ण कर ली गई है। जीआई टैग मिलने पर इस लहसुन का विक्रय देश और देश से बाहर किया जा सकेगा, जिससे किसानों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। रतलाम जिला मसाला फसलों में लहसुन की ऊटी किस्म को GI Tag कराने वाला प्रदेश का पहला जिला होगा।
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रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक, जिले के रियावन की इस लहसुन किस्म को GI Tag की कार्रवाई अंतिम चरण में है। रियावन की गुणवत्ता युक्त लहसुन को GI Tag दिलाने के लिए सक्रिय पहल की गई, जिसके फलस्वरुप जनवरी के अंतिम सप्ताह तक चेन्नई स्थित कार्यालय में फाइल सबमिट हो जाएगी।
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