25 उद्यानिकी फसलों को दिलाएंगे GI टैग, खोलेंगे 9 सेंटर आफ एक्सीलेंस

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25 उद्यानिकी फसलों को दिलाएंगे GI टैग, खोलेंगे 9 सेंटर आफ एक्सीलेंस

भोपाल: उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह का कहना है कि आगामी 3 वर्षों में 25 उद्यानिकी फसलों को जीआई टैग दिलाएंगे और और प्रदेश में 9 सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किये जायेगे। साथ ही आगामी 3 वर्षों में उद्यानिकी फसलों को 28.39 लाख हैक्टेयर से बढ़ाकर 33.39 लाख हैक्टेयर करने का लक्ष्य उद्यानिकी विभाग ने तय किया है।
उद्यानिकी विभाग की दो साल की उपलब्धियों, नवाचारों और अगले तीन साल की कार्ययोजना पर मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि अगले तीन वर्षो में उद्यानिकी फसलों को मौसम अधारित बीमा योजना से जोड़ा जाएगा। धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सब्जियों और फूलों विशेष रूप से गुलाब की खेती को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य विभाग ने तय किया है। उद्यानिकी फसलों के मूल्य संवर्धन और रोजगार सृजन के लिये 15 हजार सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना भी सरकार करेगी।
उन्होंनें कहा कि हमारा लक्ष्य मध्यप्रदेश को कृषि एवं उद्यानिकी के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाना है। समृद्ध मध्यप्रदेश @2047 का विजन और वर्ष 2026 को कृषि वर्ष घोषित करने का निर्णय किसानों की आय बढ़ाने, रोजगार सृजन और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। गत 2 वर्षों में प्रदेश के उद्यानिकी फसलों के रकबे में लगभग सवा तीन लाख हैक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2023-24 में उद्यानिकी फसलों का रकबा 25.12 हैक्टेयर से बढ़कर 28.29 लाख हैक्टेयर हो गया है। इसी प्रकार इस अवधि में उद्यानिकी फसलों का उत्पादन 389.10 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 425.68 लाख मीट्रिक टन हो गया है, इस अवधि में उत्पादन में 36.58 लाख मीट्रिक टन की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है जिसका श्रेय प्रदेश के किसानों भाइयों की मेहनत और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव में नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा उद्यानिकी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये किये गये नवाचारों को जाता है।
मध्यप्रदेश देश में मसाला उत्पादन में प्रथम, पुष्प उत्पादन में द्वितीय, सब्जी उत्पादन में तृतीय तथा फलों के उत्पादन में देश में चतुर्थ स्थान रखता है।
उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान- संतरा, टमाटर, धनिया एवं लहसुन के क्षेत्र में है।
द्वितीय स्थान सीताफल, बंदगोभी, प्याज, हरी मटर के क्षेत्र में और तृतीय स्थान नीबू, पत्तागोभी, लाल मिर्च एवं खरबूजा के क्षेत्र में है। उन्होंने बताया कि इजराइल के तकनीकी समन्वय से मुरैना में उच्च मूल्य वाली सब्जी हेतु सेंटर आॅफ एक्सीलेंस स्थापित ।
छिंदवाडा में नीबूवर्गीय फसलों एवं हरदा में निर्यात उन्मुख (आम एवं सब्जी) सीओई स्थापित किया जा रहा है।
उद्यानिकी फसलों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिये राज्य सरकार प्रयासरत है प्रदेश के 2 उत्पाद रीवा का सुन्दरजा आम एवं रतलाम का रियावन लहसुन को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है। प्रदेश की 15 फसलों का जीआई टैग के लिये पंजीयन कराया गया है।