
Gift to Gig Workers in Budget : अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो डिलीवरी बॉय और ओला उबर के कर्मचारियों के लिए भी बजट में घोषणा!
जानिए, वित्त मंत्री ने इन कर्मचारियों के लिए क्या घोषणा की और इससे उन्हें क्या लाभ!
New Delhi : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में इस बात की घोषणा की, कि सरकार गिग वर्कर्स को पहचान पत्र देगी और उनका रजिस्ट्रेशन करेगी। उनका ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण भी किया जाएगा। मोदी सरकार बजट 2025 में गिग वर्कर्स के लिए बड़ा तोहफा दिया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक करोड़ गिग वर्कर्स को पहचान पत्र प्रदान करेगी और ई-श्रम पोर्टल पर उनका पंजीकरण करेगी। सरकार के इस फैसले से असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों में पार्ट टाइम जॉब करने वाले डिलीवरी बॉय और ओला-उबर के ड्राइवरों को बड़ा फायदा पहुंचेगा।
सरकार के इस कदम से 1 करोड़ गिग वर्कर्स को फायदा मिलने की उम्मीद है। इससे सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी और देश के बढ़ते फ्रीलांस और संविदा कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। डिलीवरी बॉय ने पहचान पत्र जारी करने और उन्हें हेल्थ कवर प्रदान करने के केंद्र सरकार के कदम का स्वागत किया। कई ई-कॉमर्स बिजनेस के हब कहे जाने वाले बेंगलुरु में 2 लाख से अधिक गिग वर्कर हैं, जिन्हें बजट की इन घोषणाओं से फायदा मिलेगा।

वर्तमान में 10 मिलियन गिग वर्कर
टीमलीज के अनुमान के अनुसार भारत में वर्तमान में 10 मिलियन गिग वर्कर हैं, जिनमें से 70 लाख बाइक पर लास्ट माइल डिलीवरी में शामिल हैं। यह 2021 में नीति आयोग के 7.7 मिलियन के अनुमान से अधिक है। ज़ेप्टो, बलिंकिट और इंस्टामार्ट जैसे क्विक कॉमर्स ऐप्स के बड़े पैमाने पर अपनाए जाने के साथ-साथ स्विगी और जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर ऐप्स के ग्रोथ ने गिग वर्कर्स की मांग को बढ़ावा दिया है।
गिग वर्कफोर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही
अकेले जोमैटो के पास 2024 में कंपनी के लिए फूड डिलीवरी करने वाले 1.5 मिलियन डिलीवरी पार्टनर थे। नीति आयोग का अनुमान है कि 2029-30 तक गिग वर्कफोर्स तीन गुना बढ़कर 23.5 मिलियन हो जाएगा। हालांकि, भारत में डिजिटल अर्थव्यवस्था के तेज विकास से पता चलता है कि यह संख्या मौजूदा अनुमान से कहीं ज़्यादा हो सकती है।
फोरम फॉर प्रोग्रेसिव गिग वर्कर्स के एक वाइट पेपर के अनुसार, गिग इकॉनामी मार्केट 17% कंपाउंट एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से बढ़कर 2024 तक 455 बिलियन डॉलर की सकल मात्रा तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें 2030 तक जीडीपी में 1.25% जोड़ने और लंबी अवधि में 90 मिलियन नौकरियां पैदा करने की क्षमता है।
गिग वर्क का हिस्सा 47%
वर्तमान में गिग वर्क में स्किल्ड जॉब्स का हिस्सा 47 फीसदी है, हाई स्किल्ड जॉब्स का हिस्सा 22% है और लो- स्किल्ड नौकरियों का हिस्सा 31 फीसदी है। बेंगलुरु की सड़कों पर सबसे ज़्यादा दिखने वाले गिग वर्कर स्विगी, जोमैटो, जेप्टो, ब्लिंकिट, मिंत्रा, फ्लिपकार्ट, बिगबास्केट, अमेजन, अर्बन कंपनी, ओला और उबर जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले लोग हैं।





