GIS Madhya Pradesh: ‘मोहन काल’ में पहली ‘जीआईएस’ की उपलब्धियों पर रहेगी विपक्ष की नजर…

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GIS Madhya Pradesh ‘मोहन काल’ में पहली ‘जीआईएस’ की उपलब्धियों पर रहेगी विपक्ष की नजर…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का विचार पुराना है, पर मोहन काल में हो रही पहली समिट पर सबकी नजरें टिकी हैं। भोपाल में पहली बार जीआईएस में “प्रवासी मध्यप्रदेश समिट” होगा। इसमें 15 से ज्यादा देशों से 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें यूके, दुबई, हांगकांग, सिंगापुर और जापान से बड़े प्रतिनिधि मंडल आयेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस तरह का कंसेप्ट गांव और शहरों के विकास के लिए लाए थे। अब जीआईएस में यही कंसेप्ट राज्य के औद्योगिक विकास के लिए अपनी किस्मत आजमाएगा। तो ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में उद्योग जगत के दिग्गज, नीति निर्माता, निवेशक और विशेषज्ञ मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर मंथन करने के लिए एक मंच पर जुटेंगे। राज्य सरकार द्वारा निवेशकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल, मैन्युफैक्चरिंग, नवकरणीय ऊर्जा, हेल्थ केयर, खाद्य प्र-संस्करण, स्टार्ट-अप्स, वित्तीय सेवाओं और पर्यटन आदि क्षेत्रों में व्यापक संभावनाएं हैं। समिट में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने और संभावनाओं और अवसरों का लाभ उठाने के लिये विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों के दिग्गज उद्योगपति अपने अनुभव, विचार और रणनीतियां साझा करेंगे। उम्मीद यही कि यह विचार और निवेश मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास में मंथन से निकला अमृत बनकर शहर-शहर और गांव-गांव में फले-फूले। क्योंकि मोहन सरकार की इस पहली जीआईएस की उपलब्धियों पर विपक्ष की नजरें टिकी हैं।

पहले सरकारी पक्ष पर एक नजर डालते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भोपाल में पहली बार आयोजित होने जा रहे “इन्वेस्ट मध्यप्रदेश – ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025” में पहली बार “प्रवासी मध्यप्रदेश समिट” का भव्य आयोजन 25 फरवरी 2025 को किया जाएगा। इस वैश्विक मंच पर मध्यप्रदेश के प्रवासी उद्योगपतियों और निवेशकों की विशेष भागीदारी होगी। इस सम्मेलन में दुनिया भर के प्रवासियों ‘फ्रेंडस् ऑफ एमपी’ समूह के सदस्य शामिल होंगे। इस में 15 से अधिक देशों से मध्यप्रदेश के 500 से अधिक प्रवासी भारतीय प्रतिनिधि भाग लेंगे, जिनमें यूके, दुबई, हांगकांग, सिंगापुर और जापान जैसे देशों से महत्वपूर्ण प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। यह कार्यक्रम राज्य की आर्थिक, सांस्कृतिक और औद्योगिक विकास को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिये एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। “प्रवासी मध्यप्रदेश समिट-2025” न केवल प्रदेश में निवेश और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़ने का एक सुनहरा अवसर भी प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में यह आयोजन मध्यप्रदेश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाने में सहायक होगा।

सरकार ने रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव के जरिए यह साबित किया है कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश तेजी से औद्योगिक हब के रूप में उभर रहा है। पर वास्तव में यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ही साबित करेगी ि मोहन निवेशकों का मन मोहने मेें कितना सफल हो पाते हैं।निवेश-अनुकूल नीतियां, मजबूत बुनियादी ढांचा और नई औद्योगिक नीति इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बना रहे हैं। पर फिर वही बात कि यह प्रयास कितने कारगर साबित होते हैं, यह मुहर समिट के परिणाम बताएंगे। विपक्ष ने इससे पहले हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की हमेशा आलोचना ही की है। उम्मीद यही है कि जीआईएस 2025 यह प्रमाणित करेगी कि मध्यप्रदेश अब केवल एक औद्योगिक प्रदेश नहीं, बल्कि वैश्विक निवेश का केंद्र बन चुका है। तब ‘मोहन काल’ मध्यप्रदेश के इतिहास में  स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हो सकेगा…और तब ही मोहन काल की यह पहली जीआईएस विपक्ष की उम्मीदों पर खरी उतर सकेगी…।