Good News for Government Land Enchrochers: नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि पर काबिज लोगों को मिलेगा नजूल का स्थाई पट्टा

1073

Good News for Government Land Enchrochers:
भोपाल: शहरी क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज गरीबों के लिए अच्छी खबर है। राज्य सरकार 31 दिसंबर 2014 या उसके पहले से शासकीय भूखंड पर काबिज ऐसे सभी व्यक्तियों को प्रब्याजि और भू-भाटक लेकर इन जमीनों के तीस साल के स्थाई पट्टे जारी करेगी जो वर्तमान में भी उस जमीन पर काबिज है और उनके पास उसका कोई मालिकाना हक नहीं है।
नगरीय क्षेत्रों की शासकीय भूमि के धारकों के धारणाधिकार के संबंध में राज्य के दिशा-निर्देश के तहत यह संभव हो सकेगा। इसके लिए प्रदेशभर में ऐसे लोगों को चिन्हित करने और सूची तैयार करने का काम शुरु हो गया है। राजस्व विभाग द्वारा पिछले साल इसके लिए आदेश जारी किया था। प्रदेश में शासकीय भूमि पर काबिज कई नागरिकों के पास नजूल भू-खंडों के भू-खंड धारण का कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है और भू-अभिलेख संधारित भी नहीं है, जिसके आधार पर नजूल भूमि पर धारणाधिकार सुनिश्चित कर राजस्व की वसूली की जा सके। इससे धारकों को आवास निर्माण, जीर्णोद्धार या उन्नयन करने अथवा बैंक से आवास ऋण लेने में कठिनाईयां होती हैं।
नगरीय क्षेत्रों में स्थित शासकीय भूमि पर आवास, वाणिज्यिक व व्यावसायिक प्रयोजन हेतु निर्माण कर उपयोग कर रहे ऐसे कब्जेदारों को जो उनके कब्जे में में 31 दिसंबर 2014 या उसके पूर्व निर्विवाद रूप से हैं और वर्तमान में भी आधिपत्य में चले आ रहे हैं, चिन्हांकित कर प्रब्याजि एवं भू-भाटक लेकर उनके उपयोग वाले भूखंडों के 30 वर्षीय स्थाई पट्टे जारी किये जायें।
आवासीय भूखंड के मामले में 150 वर्गमीटर तक के क्षेत्रफल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के 5 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर तथा इस क्षेत्र फल से अधिक किन्तु 200 वर्गमीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के 10 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर 200 वर्गमीटर क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल के मामले में संपूर्ण क्षेत्रफल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के 100 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर पर ये पट्टे दिए जाएंगे। । ऐसे कब्जेदारों के मामले जहां उनके उपयोग की भूमि मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता, 1959 के लागू होने के पश्चात किन्ही वर्षों में भूमिस्वामी अधिकार में दर्ज रही है एवं कालांतर में इस भूमि को शासकीय भूमि घोषित किया गया है तथा ऐसी भूमि पर कब्जेदार कम से कम 25 वर्ष से निरंतर निवास कर रहे हैं। 31 दिसम्बर 2014 की स्थिति में तथा ऐसी भूमियों पर वर्तमान में भी ऐसे कब्जेदार या वैध अंतरिती जो प्रश्नाधीन भूमि पर शासकीय घोषित होने के पूर्व से निवासरत तथा काबिज होने की स्थिति में उपयोग के समस्त भूखंड को शून्य प्रब्याजि राशि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर स्थायी पट्टे पर आवंटित किया जाये।
वाणिज्यिक-व्यावसायिक भूखंड के मामले में 20 वर्गमीटर तक के भूखंड वर्तमान बाजार मूल्य के 25 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर तथा इस क्षेत्रफल से अधिक किन्तु 100 वर्गमीटर तक अतिरिक्त क्षेत्रफल के लिए वर्तमान बाजार मूल्य के 50 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर और 100 वर्गमीटर क्षेत्रफल से अधिक क्षेत्रफल के मामले में संपूर्ण क्षेत्रफल के वर्तमान बाजार मूल्य के 100 प्रतिशत के बराबर प्रब्याजि लेकर वार्षिक भू-भाटक पर और स्थाई पट्टे पर आवंटन के मामले में प्रब्याजि के अतिरिक्त वार्षिक भू-भाटक ऐसे भूखंड के लिए मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता नियम 2018 के अंतर्गत निर्धारण के लिए विहित दर से दोगुनी दर पर देय होगा।
राज्य शासन इस कार्य हेतु कलेक्टर सक्षम प्राधिकारी होंगे तथा उनके द्वारा स्वीकृति उपरांत पट्टा हस्ताक्षर कर जारी करने का कार्य कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत अपर कलेक्टर-डिप्टी कलेक्टर द्वारा किया जायेगा।
नगरीय क्षेत्रों में भूखंड के अधिभोगियों को स्थाई पट्टे-भूमिस्वामी अधिकार पत्र प्रदाय करने के लिए चरणबद्ध कार्यवाही की जायेगी। अधिभोगियों द्वारा पट्टा व भूमिस्वामी अधिकार पत्र प्राप्त करने हेतु आनलाइन आवेदन निर्धारित पोर्टल के माध्यम से प्रस्तुत करना होंगे।