
Good News from Border Tension : सीमा पर तनाव के बीच अच्छी खबर यह कि गरीबी में गिरावट!
New Delhi : भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम हमले के बाद दोनों देश आमने-सामने हैं। इस बीच वर्ल्ड बैंक की ओर से अच्छी खबर मिली है। वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले दस साल में गरीबी को कम करने में बड़ी सफलता हासिल की। शुक्रवार को जारी इस रिपोर्ट के अनुसार 2011-12 में देश में अत्यधिक गरीबी 16.2% थी।
ज्यादा गरीब का मतलब ऐसे लोगों से है जिनका रोजाना खर्च 2.15 डॉलर (करीब 180 रुपये) से भी कम है। विश्व बैंक के मुताबिक 2022-23 में देश में ऐसे लोगों की आबादी घटकर 2.3% पर आ गई। इस दौरान 17.1 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं। गांवों में अत्यधिक गरीबी 18.4% से घटकर 2.8% रह गई। इस तरह शहरों में यह आंकड़ा 10.7% से घटकर 1.1% रह गया। इस रिपोर्ट के अनुसार, गांवों और शहरों के बीच गरीबी का अंतर भी कम हुआ। यह अंतर 7.7% से घटकर 1.7% रह गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अब निम्न-मध्यम आय वाले देशों की श्रेणी में आ गया है। इसका मतलब है कि भारत की अर्थव्यवस्था पहले से बेहतर हुई।

रिपोर्ट के अनुसार अगर हम प्रतिदिन लगभग 300 रुपए की आय को गरीबी रेखा मानें तो भारत में गरीबी 61.8% से घटकर 28.1% हो गई। इस तरह 37.8 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ गए। गांवों में गरीबी 69% से घटकर 32.5% हो गई। शहरों में यह 43.5% से घटकर 17.2% हो गई। सबसे ज्यादा आबादी वाले पांच राज्य उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में 2011-12 में देश के 65% गरीब लोग रहते थे। इन राज्यों ने 2022-23 तक गरीबी को कम करने में दो-तिहाई योगदान दिया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2021-22 से रोजगार में वृद्धि कामकाजी उम्र की आबादी से अधिक रही है. रोजगार दर खासकर महिलाओं में बढ़ रही है. शहरी बेरोजगारी वर्ष 2024-25 में 6.6% पर आ गई, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है। 2018-19 के बाद पहली बार पुरुष श्रमिक गांवों से शहरों की ओर जा रहे हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि में महिला रोजगार बढ़ा है। इसका मतलब है कि शहरों में रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और महिलाओं को गांवों में कृषि में अधिक काम मिल रहा है।





