Gopal Mandir Renovation : 20 करोड़ में संवर गया 190 साल पुराना गोपाल मंदिर!

गोपाल मंदिर के को जन्माष्टमी पर भक्त निहारेंगे

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Indore : शहर के 190 साल पुराने गोपाल मंदिर का पुरातात्विक वैभव अब फिर लौट आया। 20 करोड़ की लागत से मंदिर के जीर्णोद्धार का काम पूरा हो गया है। इसे जन्माष्टमी पर खोला जाएगा। इसी के साथ स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने राजवाड़ा के जीर्णोद्धार का काम भी हाथ में लिया था। इसकी लागत 18 करोड़ है।

राजबाड़ा के नजदीक बना गोपाल मंदिर लकड़ियों से बना है। लकड़ियों पर आकर्षक नक्काशी की गई है। जीर्णोद्धार के तहत लकड़ियों में नक्काशी के लिए बैंगलोर से मजदूर बुलाए गए। क्योंकि, पुरानी होने से लकड़ियां गिरने लगीं थीं। मंदिर में लगी इसी तरह की लकड़ियों को ढूंढ़कर लाना काफी चुनौती भरा था। यही कारण रहा कि यह प्रोजेक्ट 2021 में पूरा होने की बजाय 2022 जुलाई के अंत तक पूरा हो सकेगा।

होलकर कालीन गोपाल मंदिर का निर्माण 190 साल पहले हुआ था। यहां राधा-कृष्ण, भगवान वरुण, वराह अवतार, पद्मावती लक्ष्मी देवी की मूर्तियां भी हैं। प्राचीन धरोहर होने से इसके स्वरूप का निखार कम हो गया। कई जगह दीवारों में दरार होने के साथ लकड़ियों के सड़ने व सीलन होने की शिकायत आने लगी। इसे देखते हुए निगम ने इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया और वर्ष 2018 में निर्माण पर 20 करोड़ स्वीकृत किए। तेजी से काम शुरू हुआ, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण काम में बाधा गई।

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लॉकडाउन के कारण बाहर से आए कारीगर चले गए थे। मंदिर का 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। चार साल बाद भक्तगण जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के साथ मंदिर के स्वरूप को निहार सकेंगे। इस मंदिर में सागवान और कालिया की लकड़ी के मोटे-मोटे खंभे लगे हैं। यहां का बी-ब्लॉक को शासकीय मुद्रणालय को दिया हुआ था। कई साल पहले बी-ब्लॉक ढह गया था। तब से यह इसी स्थिति में था।

विशिष्ट कंपनी को काम सौंपा
प्राचीन धरोहरों के जीर्णोद्धार का काम करने वाली राजपूताना कंस्ट्रक्शन कंपनी को कार्य सौंपा गया है। मंदिर में लकड़ी का अधिकांश काम हो चुका है। अब लकड़ी के खंभों और बीम पर नक्काशी का काम बाकी है। परिसर के बी-ब्लॉक में फर्श पर कोटा स्टोन लगाया जाएगा। इसका काम भी अभी होना है। मंदिर के बाहरी हिस्से में मेहराब के रूप में लकड़ी के झरोखे और द्वार बने हुए हैं। जिस हिस्से में ये झरोखे और द्वार नहीं बने हैं, अब वहां भी इनका निर्माण किया जा रहा है, जिससे मंदिर में एकरूपता नजर आए।