कार्यपालन यंत्री की लापरवाही से सरकार को देना पड़े 16 करोड़, अब रिटायरमेंट के बाद होगी कार्रवाई

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कार्यपालन यंत्री की लापरवाही से सरकार को देना पड़े 16 करोड़, अब रिटायरमेंट के बाद होगी कार्रवाई

भोपाल
जलसंसाधन विभाग में अजनाल पिकअप वियर के भू अर्जन मामले में न्यायालय के आदेश पर विभाग के तत्कालीन कार्यपालन यंत्री द्वारा आपत्ति दर्ज नहीं कराए जाने से शासन को सोलह करोड़ 70 लाख रुपए का अतिरिक्त व्यय करना पड़ा। इस मामले में विभाग के कार्यालय का कुर्की वारंट भी जारी हुआ और कार्यालय के सामान की कुर्की भी हो गई। इससे शासन की छवि धूमिल हुई। अब राज्य शासन इनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर रहा है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक अजनाल पिकअप वियर के भू अर्जन में केवल सिंह ठाकुर एवं पर्वतसिंह एवं अन्य ने जिला न्यायालय भोपाल में डूब क्षेत्र के मुआवजा के संबंध में कार्यपालन यंत्री को आवेदन प्रस्तुत किया था। भोपाल कलेक्टर ने इस मामले में अवार्ड पारित किया। इस अवार्ड से असंतुष्ट होकर आवेदकों ने चतुर्थ अपर जिला न्यायाधीश के समक्ष प्रकरण लगाया।

इसमें जिला न्यायालय ने निर्णय पारित किया। जिला न्यायालय के पारित निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में अपील दायर की गई। वहां अंतरिम आदेश में भू अर्जन माह जून 1950 से मई 1951 तक प्रथम वर्ष के लिए नौ प्रतिशत ब्याज तथा जून 1951 से मुआवजा राशि भुगतान तिथि तक पंद्रह प्रतिशत ब्याज की राशि की वसूली पर रोक लगाई गई थी। उच्च न्यायालय जबलपुर ने इसे समाप्त कर दिया। इसके बाद उच्च न्यायालय के द्वारा अंतरिम आदेश समाप्त किए जाने के बाद आवेदकों ने चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष गणना पत्रक पर आपत्ति प्रस्तुत की। इस पर कार्यपालन यंत्री ने कोई आपत्ति नहीं ली। न्यायाधीश ने इसके बाद इक्कीस करोड़ 86 लाख 72 हजार 528 रुपए जमा करने के आदेश जारी किए। राशि जमा नहीं करने पर अचल सम्पत्ति की कुर्की का वारंट जारी किया गया।

इस मामले में साधारण ब्याज की दर से आवेदकों को केवल 5 करोड़ 16 लाख पैतीस हजार रुपए देना था। गणना पत्रक पर आपत्ति नहीं लिए जाने से शासन को 16 करोड़ 70 लाख रुपए का अतिरिक्त व्यय की स्थिति बनी। राशि जमा नहीं करने पर प्रमुख अभियंता कार्यालय में कुर्की की कार्यवाही की गई। इससे शासन की छवि धूमिल हुई। इस मामले में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री को कारण बताओ नोटिस थमाते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जा रही है।