सरकारी योजनाओं से बाहर मध्यम वर्ग के लिए सरकार करे बजट में प्रावधान

वित्त विभाग को जनता ने दिए रोचक सुझाव

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सरकारी योजनाओं से बाहर मध्यम वर्ग के लिए सरकार करे बजट में प्रावधान

भोपाल: मध्यमवर्ग के उपभोंक्ताओं ने सरकार से इस बजट में राहत की उम्मीद जताई है। सरकार को बजट के लिए मिले सुझाव में यह सुझाव भी आया है कि मध्यम वर्ग और छोटे आयकरदाता

सभी सरकारी योजनाओं से बाहर है इसलिए सरकार इस बजट में सरकार ध्यान रखे।
वित्त विभाग ने इस साल का बजट तैयार करने के लिए आमजनता से सुझाव मांगे थे इसमें इस तरह के कई रोचक सुझाव आए है। मध्यम वर्ग के लोगों का ध्यान रखने का सुझाव संदीप कुमार अग्रवाल ने दिया है। नवनियुक्त शिक्षकों को तीन साल तक सत्तर, अस्सी और नब्बे प्रतिशत वेतन देने का प्रावधान खत्म कर शुरु से ही सौ प्रतिशत वेतन दिए जाने, अतिथि शिक्षकों का वेतन बढ़ाने एवं प्रशिक्षित एवं पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण शिक्षकों को नियमित करने का सुझाव केसरी नंदन साहू ने दिया है। नीरज कुदेसिया का कहना है कि कमलनाथ सरकार ने परिवीक्षा अवधि में कम वेतन का जो नियम बनाया था उसे समाप्त किया जाए।

कृष्णा साहू ने पंचायतों के खर्चो की जानकारी आम आदमी को उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है ताकि आम आदमी भ्ज्ञी अपनी रिस्पांसब्लिटी समझे और ग्राम पंचायत अपने ठीक ढंग से कार्य सम्पन्न करे।चौदह वर्षो से अल्प वेतन पर काम कर रहे अतिथि शिक्षकों का सेवाकाल बारह माह करने और उन्हें नियमित करते हुए वेतनवृद्धि का प्रावधान बजट में करने का सुझाव भी आया है।

डॉ दिनेश चौधरी ने सुझाव दिया है कि स्वास्थ्य सेवा प्रदेश के सभी लोगों तक पहुंचाने के लिए सभी आयुष स्टूडेंट को पहले साल से ही क्लीनीकल डयूटी छह माह कंपलसरी होना चाहिए। उन्होंने रविवार सहित पूरे दिन बैंक खोलने का सुझाव भी दिया है ताकि निजी क्षेत्र में नौकरी करने वाले लोगों को बैंकिंग कार्य करने में आसानी हो। प्रशांत राजपूत ने सात हजार रुपए पाने वाले अतिथि शिक्षकों और राजेन्द्र कुर्रे ने आठ हजार वेतन पा रहे आउटसोर्स कर्मचारियों के हित में काम करने का सुझाव दिया है।

सुनील राठौर ने सुझाव दिया है कि पूर्व में दिए गए पट्टे की जमीन का भूमि स्वामी बनने के बाद भी किसान उसका उपयोग नहीं नहीं कर पा रहे है। क्योंकि उस जमीन पर अहस्तांतरित लिखा आ रहा है इसके कारण किसान उसका उपयोग नहीं कर पा रहे है। उन्होंने उस जमीन पर टैक्स लेकर उस पर से अहस्तांतरणीय हटाने का सुझाव दिया है।

नागेश्वर धाकड़ ने सामाजिक अंकेक्षण के काम में लगे अंकेक्षकों को पूरे साल के लिए नियमित काम दिए जाने का सुझाव दिया है। अभी उन्हें केवल अस्सी दिन काम मिल पाता है। दीपक पाटीदार ने किसानों के लिए खाद की व्यवस्था मंडी में करने का सुझाव दिया है इससे कालाबाजारी रुकेगी। उनका कहना है कि एमपी एग्रो सरकारी पर्ची देखकर खाद वितरित करे।