Government Suspends IAS Officer: भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व DM सस्पेंड
भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2004 बैच की IAS अधिकारी निधि केसरवानी को उत्तर प्रदेश सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। मणिपुर केडर से आने वाली केसरवानी के खिलाफ भूमि अधिग्रहण मामले में भ्रष्टाचार का आरोप है। वे वर्तमान में केंद्र सरकार में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर में डिप्टी सेक्रेटरी के पद पर तैनात हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वे 21 जुलाई 2016 को गाजियाबाद की डीएम बनी थी। बाद में उन्हें केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था। राज्य सरकार ने उन्हें सस्पेंड करने की कार्यवाही कर दी है और अब केसरवानी के खिलाफ कार्यवाही केंद्र सरकार को करनी है। प्रदेश सरकार ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए भी भारत सरकार को पत्र लिखा है। सरकार ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने का भी आदेश दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के निर्देश पर गाजियाबाद (Ghaziabad News) की तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी (Nidhi Kesarwani) को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (Delhi-Meerut Expressway) और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे (Eastern Peripheral Expressway) के लिए जमीन अधिग्रहण में हुई अनियमितता में संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार को एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए बताया गया, ”भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं.”
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यूपी सरकार ने कही ये बात
गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं. ट्वीट में कहा गया है, ”भूमि अधिग्रहण में अनियमितता पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई. तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद, वर्तमान में भारत सरकार में तैनात को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु भारत सरकार को प्रकरण संदर्भित किया जाएगा.”
उसमें कहा गया है, ”दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही के आदेश. जांच आख्या उपलब्ध होने के बाद भी पत्रावली व्यवहृत करने में अत्यधिक विलंब के लिए जिम्मेदार नियुक्ति विभाग के संबंधित अनुभाग अधिकारी व समीक्षा अधिकारी तात्कालिक प्रभाव से होंगे निलंबित तथा उनके एवं अनुसूचित के विरुद्ध शुरू होगी विभागीय कार्यवाही.”