Jaipur : कश्मीर में बदलाव के केंद्र में रहे वहां के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) इन दिनों गुस्से में हैं। फिलहाल वे मेघालय के राज्यपाल हैं पर किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार और भाजपा पर तीर चला रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि पहले दिन जब मैं किसानों के पक्ष में बोला था, तो यह तय करके बोला था कि मैं यह पद छोड़ दूंगा और किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा।
जयपुर में ग्लोबल जाट समिट को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि उन्हें किसानों के मुद्दे पर दिल्ली के नेताओं को निशाना बनाने पर राज्यपाल का अपना पद खोने का डर नहीं है। राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता, लेकिन कुछ मेरे शुभचिंतक हैं जो इस तलाश में रहते है कि यह कुछ बोले और इसे हटाया जाए। उन्होंने कहा कि मैं कुछ भी छोड़ सकता हूं लेकिन मैं यह नहीं देख सकता कि किसानों के साथ जुल्म हो रहा है। उन्हें भगाया जा रहा हो और हम अपना पद लिए बैठे रहें तो इससे बड़ी लानत की कोई बात नहीं हो सकती। मलिक ने कहा, पहले दिन जब मैं किसानों के पक्ष में बोला था तो यह तय करके बोला था कि मैं यह पद छोड़ दूंगा और किसानों के धरने पर आकर बैठ जाऊंगा।
सत्यपाल मलिक (Satyapal Malik) ने एक बार फिर किसान आंदोलन (Farmers Protest) के मुद्दे पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। जयपुर में एक कार्यक्रम में सत्यपाल मलिक ने कहा कि मोदी सरकार छोटी-छोटी बातों पर तो अफ़सोस जता देती है। लेकिन, किसान आंदोलन में अब तक 600 किसान मारे जा चुके हैं, उनके लिए अभी तक मोदी सरकार ने कोई अफ़सोस नहीं जताया, कोई प्रस्ताव पास नहीं किया। सत्यपाल मलिक ने यह भी कहा कि जिन्होंने मुझे नियुक्त किया है, अगर वो इस्तीफ़ा मांगेंगे तो मैं अपना पद छोड़ने को भी तैयार हूं।
राज्यपाल ने कहा कि देश में इतना बड़ा आंदोलन आज तक नहीं चला, जिसमें 600 लोग मर गए। जानवर भी मरता है, तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आ जाता, लेकिन 600 किसानों के मरने पर प्रस्ताव लोकसभा में पास तक नहीं हुआ।
महाराष्ट्र में आग लगी, 5-7 लोग मरे लेकिन उनके पक्ष में दिल्ली से प्रस्ताव आ गया। हमारे 600 लोग मरे उस पर कोई नहीं बोला।
सत्यपाल मलिक ने कहा कि राज्यपाल को हटाया नहीं जा सकता फिर भी मेरे शुभचिंतक इस तलाश में रहते हैं कि ये बोलें और हटें। कुछ फेसबुक पर लिख देते हैं गर्वनर साहब जब इतना महसूस कर रहे हो तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते? मैंने कहा आपके पिताजी ने बनाया था मुझे? मुझे बनाया था दिल्ली में मेरे 2-3 लोगों ने। मैं उनकी इच्छा के विरुद्ध बोल रहा हूं, ये तो जानकर बोल ही रहा हूं कि उनको दिक्कत होगी। वो जिस दिन कह देंगे मुझे दिक्कत है, उस दिन एक मिनट भी नहीं लगाऊंगा और पद छोड़ दूंगा।