सिकल सेल उन्मूलन‌‌ का फर्ज निभाते राज्यपाल मंगू भाई…

सिकल सेल उन्मूलन‌‌ का फर्ज निभाते राज्यपाल मंगू भाई…

आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 में देश को सिकल सेल रोग मुक्त बनाने का आहवान मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने किया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए जरूरी है कि रोग के संबंध में जन-जागरण, स्क्रीनिंग और जेनेटिक कॉउंसलिंग के कार्य सेवा-भावना और संवेदनशीलता के साथ किये जायें। जनजाति समुदाय वैवाहिक संबंध जेनेटिक कार्ड के मिलान के बाद ही करें। सिकल सेल वाहक आपस में विवाह नहीं करेंगे, तभी लक्ष्य की प्राप्ति होगी। सिकल सेल रोग जनजाति समुदाय के स्वास्थ्य की प्रमुख चुनौती है। तो राज्यपाल मंगू भाई पटेल का मानना है कि जनजाति समाज का सदस्य होने के नाते उनका दायित्व है कि समाज के विकास में सहयोग करें। इसी भावना से वे जनजाति समुदाय के शिक्षित युवाओं को भी सिकल सेल रोग के संबंध में जन-जागरण के लिए प्रेरित करते हैं। वह मानते हैं कि भारत में रोग उन्मूलन के प्रयासों का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उनके मार्गदर्शन में गुजरात के अनुभवों के आधार पर मध्यप्रदेश में सिकल सेल उन्मूलन के प्रयास किए गए हैं। रोग उन्मूलन के प्रयास की शुरूआत राजभवन के 55 कर्मचारी की स्क्रीनिंग से हुई, इसमें 12 वाहक और 2 पीड़ित मिले थे। राज्यपाल मंगू भाई पटेल के यह प्रयास मामूली नहीं हैं। और वह आदिवासी समाज का होने के नाते सिकल सेल उन्मूलन‌‌ का फर्ज निभाकर ऊंचे मुकाम पर पहुंचकर आदिवासी समाज का कर्ज उतारने के श्रेष्ठतम कर्म में ही रत हैं। यह कार्य ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के बाद भी हर कोई नहीं कर पाता है।
राज्यपाल मंगू भाई पटेल का मानना है कि रोग उन्मूलन प्रयासों में अन्य चिकित्सा पद्धतियों के उपयोग के परीक्षण और प्रमाणीकरण के संबंध में भी विचार किया जाना चाहिए। आँगनवाड़ी, स्कूल, कॉलेज में सिकल सेल रोग का चिन्हांकन किया जाये। गाँव-गाँव जाकर जन-जागरण के कार्य किए जाएँ। जनजातीय समुदाय को रोग के लक्षणों के संबंध में सूचित और शिक्षित किया जाए। क्योंकि रोग उन्मूलन चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसे सबके साथ और प्रयासों से करने पर ही सफलता मिलेगी। राज्यपाल पटेल की पहल ही है कि रोग की स्क्रीनिंग, प्रबंधन, उपचार कॉउंसलिंग एवं प्रशिक्षण के सभी आयामों पर राज्य में तेजी के साथ कार्य हो रहा है। नवजात शिशुओं की 72 घंटे के भीतर होने वाली जाँच की सुविधा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उपलब्ध है। पोर्टल से सिकल सेल वाहक और पीड़ित की प्रभावी ट्रेकिंग की जा रही है।
राज्यपाल पटेल की अपनी कार्यशैली है और उसी के अनुरूप वह अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका का बखूबी निर्वाह कर रहे हैं। जनजाति क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में अनेक चुनौतियाँ हैं, जिनसे पार पाकर ही स्वस्थ समाज के संकल्प को साकार किया जा सकता है। जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा में मूलभूत सुविधाओं की कमी और जन-जागृति का अभाव बहुत बड़ी चुनौती है। चिकित्सा विज्ञान के साथ ही मानव संसाधन की उपलब्धता भी अनिवार्य है। मध्यप्रदेश में सिकल सेल पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन राज्यपाल मंगू भाई पटेल की सिकल सेल रोग के उन्मूलन की व्यक्तिगत प्राथमिकता की वजह से ही संभव हुआ है। उम्मीद की जा सकती है कि इसके सुझाव सिकल सेल के राष्ट्रीय उन्मूलन में कारगर साबित होंगे। मध्यप्रदेश में राज्यपाल मंगू भाई पटेल के मार्गदर्शन में प्रदेश के 20 आदिवासी जिलों के सभी 89 आदिवासी ब्लॉक में सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की स्क्रुटनी कर चिन्हित हुए चार हजार से ज्यादा मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। और उम्मीद की जा सकती है कि प्रदेश के आदिवासियों के जीवन से सिकल सेल उन्मूलन‌‌ का राज्यपाल मंगू भाई पटेल का प्रयास सार्थक होगा…।
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khusal kishore chturvedi
कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।