Govt Control on 71 Medicines : कैंसर समेत 71 जरूरी दवाइयों की कीमत अब सरकार तय करेगी!  

इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद! 

349

Govt Control on 71 Medicines : कैंसर समेत 71 जरूरी दवाइयों की कीमत अब सरकार तय करेगी!  

New Delhi : गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, डायबिटीज या जानलेवा इंफेक्शन के इलाज की दवाइयां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं। लेकिन, अब केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लिया, जो मरीजों को बड़ी राहत देगा। सरकार ने 71 दवाइयों की कीमत तय करने का फैसला लिया। इसमें कैंसर, डायबिटीज और इंफेक्शन जैसी बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली प्रमुख दवाइयां शामिल हैं।

मेटास्टेटिक ब्रैस्ट कैंसर, एलर्जी, डायबिटीज और अन्य गंभीर बीमारियों की दवाइयां अब सस्ती मिलने वाली है। राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (एनपीपीए) द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, अब केवल उसी स्थिति में जीएसटी जोड़ सकेंगे, जब वह सरकार को भुगतान किया गया हो। इन दवाइयों में रिलायंस लाइफ साइंसेज की ‘ट्रास्टुज़ुमैब’ शामिल है, जिसका उपयोग मेटास्टेटिक ब्रैस्ट कैंसर और गैस्ट्रिक कैंसर के इलाज में किया जाता है। इस दवा की कीमत अब ₹11,966 प्रति वायल निर्धारित कर दी गई है।

अन्य दवाइयों की कीमत कितनी

इसके अलावा, जानलेवा संक्रमण के इलाज में प्रयोग होने वाले सेफ्ट्रियाक्सोन, डिसोडियम एडेटेट और सल्बैक्टम पाउडर की कीमत 626 रुपये कर दी गई है। वहीं कॉम्बी पैक की कीमत 515 रुपये कर दी गई। एनपीपीए ने अपनी नई अधिसूचना में 25 एंटी-डायबिटिक फॉर्मूलेशन की कीमत भी अधिसूचित की। जिसमें सिटाग्लिप्टिन प्रमुख घटक के रूप में शामिल है। इसके अलावा एंपाग्लिफ्लोज़िन संयोजन वाली कई अन्य मधुमेह की दवाइयां भी इस सूची में शामिल हैं।

IMG 20250717 WA0057

पारदर्शिता लाने की दिशा में सरकार

यह कदम मरीजों को महंगी दवाओं से राहत देने के साथ-साथ पारदर्शिता लाने की दिशा में भी काम किया जा रहा है। कुछ समय पहले एनपीपीए ने एक आदेश जारी कर कहा था कि, सभी दवा निर्माता अपने उत्पादों की कीमतों की सूची डीलरों, राज्य औषधि नियंत्रकों और सरकार को भेजें। यह उल्लेख करें कि यह कीमत सरकार के किसी अधिसूचना या आदेश के अंतर्गत निर्धारित या संशोधित की गई है।

यह फैसला न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत है, बल्कि दवा उद्योग में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगा। अब लोगों को दवा खरीदते वक्त यह जानने का अधिकार होगा कि, क्या वे दवाएं उचित और निर्धारित दाम पर मिल रही हैं। सरकार का यह कदम स्वास्थ्य के अधिकार की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।