गांवों में शराब पर रोक और एक हजार तक जुर्माना लगा सकेगी ग्रामसभा

विवादों के निपटारे के लिए बनेगी शांति एवं विवाद निवारण समिति

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गांवों में शराब पर रोक और एक हजार तक जुर्माना लगा सकेगी ग्रामसभा

भोपाल: ग्रामीण अंचलों में होंने वाले विवादों के निपटारे के लिए अब शांति एवं विवाद निवारण समितियों का गठन किया जाएगा।स्थानीय पुलिस स्टेशन में ग्राम संबंधित किसी प्रथम सूचना रिपोर्ट के दर्ज होंने पर थाना प्रभारी पहले शांति एवं विवाद निवारण समिति को सूचित करेंगे। वहीं गांव में शराब सहित अन्य मादक द्रव्य के सेवन पर रोक लगाने अधिकार ग्रामसभा को दिया जाएगा। इसका उल्लंघन करने पर एक हजार रुपए तक जुर्माना भी लगाया जा सकेगा।

राज्य सरकार इस संबंध में प्रावधान करने जा रही है। ग्रामीण अंचलों में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने के लिए ग्राम सभा द्वारा ग्राम सभा के सदस्यों में से कम से कम पांच और अधिकतम सात सदस्यों का चयन कर शांति एवं विवाद निवारण समिति का गठन किया जाएगा। इस समिति में गांव में रहने वाले अनुसूचित जनजातियों को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व प्रदान किया जाएगा तथा इस समिति मेें कम से कम एक तिहाई प्रतिनिधित्व महिलाओं को दिया जाना अनिवार्य होगा। ग्राम सभा के सचिव शांति एवं विवाद निवारण समिति के गठन की जानकारी स्थानीय पुलिस को भेजेंगे।

यह समिति पारंपरिक पद्धति से ग्राम के विवाद निवारण का काम करेगी तथा गांव में शांति बनाए रखने की दिशा में काम करेगी। इस समिति के निर्णय के विरुद्ध ग्राम सभा में अपील की जा सकेगी। प्रत्येक शांति एवं विवाद निवारण समिति की बैठक की कार्यवाही का अभिलेख संधारण समिति के सचिव द्वारा किया जाएगा। स्थानीय पुलिस स्टेशन में भी गांव के किसी विवाद की सूचना रिपोर्ट के दर्ज होंने पर शांति एवं विवाद निवारण समिति को सूचित किया जाएगा।

स्थानीय समुदायों की रुढ़ियों और परंपराओं को क्षति पहुंचाने वाले कामों का समर्थन नहीं-

ग्राम सभा किसी भी ऐसे काम का समर्थन नहीं करेगी जो क्षेत्र मेें निवास कर रही जनजातियों तथा अन्य स्थानीय समुदायों की रुढ़ियों एवं परंपराओं को क्षति पहुंचाए। ग्राम सभा ऐसा कोई भी प्रस्ताव पारित नहीं करेगी जो उस समय प्रवृत्त प्रचलित विधि के विरुद्ध हो। ग्राम सभा ऐसी किसी भी गतिविधि का समर्थन नहीं करेगी जो कि विविध सामाजिक समूहों के बीच द्वेष या शत्रुभाव को बढ़ावा देती हो या जिससे सामाजिक सौहार्द और भाईचारा कम होता हो। ग्राम सभा किसी भी शासकीय अधिकारी की विधि सम्मत गतिविधियों में किसी भी प्रकार का निषेध या बाधा उत्पन्न नहीं करेगी।

गांव में शराब के सेवन पर प्रतिबंध और एक हजार रुपए तक जुर्माना लगाने का मिलेगा अधिकार-

ग्राम सभा को ग्रामीण अंचल में शराब सहित अन्य मादक द्रव्य के सार्वजनिक स्थल पर सेवन को प्रतिबंधित करने का अधिकार होगा। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित व्यक्ति पर एक हजार रुपए तक अर्थदंड लगा सकेगी। गांव में देशी-विदेशी शराब की नई दुकान खोलने के लिए प्रस्ताव मिलने पर ग्राम सभा इसके लिए 45 दिन में अनुमति दे सकेगी। यदि ग्राम सभा सर्वसम्मति से इस संबंध में निर्णय नहीं लेती है तो वहां माना जाएगा कि ग्राम सभा की सहमति नहीं है और नई दुकान नहीं खोली जा सकेगी। ग्राम सभा गांव के अंदर संचालित शराब, भांग दुकान के स्थल परिवर्तन की अनुशंसा कर सकेगी जिस पर राज्य शासन कार्यवाही करेगा। किसी त्यौहार के मौक्े पर उस दिन की संपूर्ण अथवा आंशिक अवधि के लिए संचािलत शराब, भांग दुकान बंद करने की अनुशंसा कलेक्टर को कर सकेंगी। कलेक्टर स्वविवेक से घोषित चार शुष्क दिवस के अंतर्गत दुकान को इस क्षेत्र के लिए बंद कर सकेगा। ग्राम सभा किसी सार्वजनिक स्थल, परिसर में शराब, भांग के उपयोग पर रोक लगा सकेगी। मादक द्रव्य की व्यक्तिगत आधिपत्य की सीमा भी कम कर सकेगी।