GRAP-4 Sanctions : GRAP-4 प्रतिबंध दिल्ली-एनसीआर में खत्म, ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू!
दिल्ली वाले अब बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों से घूम सकेंगे!
New Delhi : एयर क्वालिटी में सुधार के बाद दिल्ली और एनसीआर में लगे ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को हटाते हुए ग्रैप-3 को लागू कर दिया। केंद्र के एयर क्वालिटी कमीशन ने मंगलवार को प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बीच दिल्ली-एनसीआर के लिए जीआरएपी स्टेज-4 के तहत लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है।
दिल्ली के प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन है, जिसका अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 में 18.8 प्रतिशत का योगदान है। फिलहाल, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का कोई योगदान नहीं है, क्योंकि पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने का मौसम खत्म हो चुका है। अब दिल्ली वाले अपनी बीएस 3 पेट्रोल और बीएस 4 डीजल कारों से कहीं भी घूम-फिर सकेंगे। क्लास 10th और 12th को छोड़कर सभी क्लास जो ग्रैप-4 की वजह से ‘हाइब्रिड मोड’ में चल रहे थे, वो भी अब खत्म हो जाएगा और स्कूलों में छात्रों चहलकदमी शुरू हो जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर से ग्रैप-4 के हटने का मतलब है कि गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर से प्रतिबंध हटा लिए जाएंगे। इसके साथ ही नेशनल हाईवे, फ्लाईओवर, बिजली लाइनों और पाइप लाइनों जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर लगे प्रतिबंध भी हट जाएंगे। अब गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले डीजल ट्रकों भी दिल्ली में प्रवेश कर सकेंगे।
‘ग्रैप’ का पहला चरण एक्यूआई के 201 से 300 के बीच (खराब श्रेणी) होने पर, दूसरा चरण 301 से 400 के बीच (बहुत खराब) होने पर, तीसरा चरण 401 से 450 के बीच (गंभीर) होने पर और चौथा चरण 450 से अधिक (बहुत गंभीर) होने पर लागू होता है।
ग्रैप-4 में ये पाबंदियां
– दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई थी।
– दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को थी छूट।
– एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर थी रोक। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई थी। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते थे।
– एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी थी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं थी और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन के उपयोग पर थी रोक। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी गई थी।
– निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक।
– एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट देने का था प्रावधान।
– राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती थी।
– डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध।
ग्रेप-3 के तहत इन पर पाबंदी
– पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
– बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
– पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य।
– ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
– ईंट/चिनाई कार्य।
– प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
– सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
– परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
– कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
– विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।
नए जोड़े गए नियम
– बीएस-3 स्टैंडर्ड या इससे नीचे के मीडियम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) अब दिल्ली में नहीं चल सकेंगे। जरूरी सामान लेकर आ रहे एमजीवी को इसमें छूट दी गई है।
– बीएस-3 और उसके नीचे के मीडियम गुड्स कैरियर जो दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड हैं, उन्हें दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। जरूरी सामान से जुड़े वाहनों इसमें शामिल नहीं हैं।
– एनसीआर से आने वाली इंटरसिटी बसों को दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस 6 डीजल बसों को इसमें छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है।