Green Corridor for 50th time : दो लोगों को जीवन देने के लिए 50वीं बार ग्रीन कॉरिडोर!

ब्रेन डेड युवक की किडनियां, आंखें और त्वचा का दान

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Green Corridor for 50th time : दो लोगों को जीवन देने के लिए 50वीं बार ग्रीन कॉरिडोर!

Indore : ब्रेन डेड घोषित किए जाने के बाद एक युवक की दोनों किडनियां, आंखें और त्वचा परिजनों ने दान की। दोनों किडनी इंदौर के ही दो अस्पतालों में भर्ती मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई, जो उन्हें नया जीवन देगी। अंगदान के लिए इंदौर में यह 50वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया जो एक रिकॉर्ड है।

अक्टूबर 2015 में इंदौर में पहली बार अंगदान के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। तब रामेश्वर खेड़े के परिवार ने साहस दिखाकर लीवर और किडनी दान की थी। तत्कालीन कमिश्नर संजय दुबे, इंदौर आर्गन डोनेशन सोसाइटी और एमजीएम मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लोगों में अंगदान को लेकर जागरूकता फैलाई थी। इसके बाद इस अभियान से लोग जुड़ते गए। निजी अस्पताल, प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इसमें सहयोग दिया।

इसके बाद आज 50वीं बार ग्रीन कॉरिडोर बना। दोपहर को एक किडनी सीएचएल अस्पताल में ही एडमिट एक मरीज को ट्रांसप्लांट करने की तैयारी की गई। जबकि, दूसरी किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में एडमिट एक मरीज को ट्रांसप्लांट करने के लिए भेजी गई, जिसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। 3 मिनट में यह किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल पहुंचाई गई, जहां ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया की गई। मृतक की दोनों आंखें व त्वचा भी दूसरों को नया जीवन देगी।

जिसके अंगदान किए गए

जिस युवक की ब्रेन डेथ हुई वो नंदबाग का रहने वाला 22 साल का नवीन पिता अक्षय कश्यप है। 7 जून को सुपर कॉरिडोर पर सड़क दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसके सिर में गहरी चोट थी, उसे एमवाय अस्पताल अस्पताल में एडमिट किया गया था। उसके बाद उसे सीएचएल रेफर किया गया। शुक्रवार शाम 6 बजे डॉक्टरों की टीम ने पहली बार उसे ब्रेन डेड घोषित किया। फिर रात 12 बजे एक अन्य डॉक्टरों की टीम ने परीक्षण कर इस बात की पुष्टि की। जानकारी मिलने के बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी, संदीपन आर्य सहित अन्य ने परिवार की काउंसिलिंग की तो वे अंगदान के लिए राजी हुए।