Greenfield Corridor : 6 हजार करोड़ की लागत से इंदौर-भोपाल के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनेगा, दूरी घटेगी!

केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिली, दूरी 40-50 किमी घटेगी, औद्योगिक विकास को गति मिलेगी! 

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Greenfield Corridor : 6 हजार करोड़ की लागत से इंदौर-भोपाल के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनेगा, दूरी घटेगी!

Indore : इंदौर-भोपाल के बीच लगातार यात्रा करने वालों के लिए यह बड़ी राहत वाली खबर है। दोनों शहरों को जोड़ने के लिए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे कॉरिडोर बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी। करीब 6 हजार करोड़ की लागत से बनने वाला यह कॉरिडोर वेस्टर्न भोपाल बायपास के जंक्शन या रातीबड़ के पास से होकर निकलेगा। इसके निर्माण के बाद दोनों शहरों के बीच की दूरी 35-40 किलोमीटर तक कम हो जाएगी और अभी लगने वाला 4.30 घंटे का सफर घटकर महज 3 घंटे में पूरा होगा।

जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने इसकी ट्रैफिक स्टडी रिपोर्ट तैयार कर ली है, जिसमें करीब 30 हजार पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) का अनुमान जताया गया है। एक्सप्रेस-वे 8 लेन का होगा और इसमें प्रवेश के लिए तीन स्थानों पर एक्सेस कंट्रोल की सुविधा रहेगी। इसके लिए नीलबढ़ से चापड़ा रोड, मंडीदीप से कसरावद और मंडीदीप से इंदौर वेस्टर्न बायपास तक तीन रूट प्रस्तावित हैं।

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औद्योगिक, आर्थिक विकास होगा

अधिकारियों के अनुसार इस कॉरिडोर से न केवल ट्रांसपोर्ट और कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि इंदौर और भोपाल के बीच औद्योगिक विकास भी तेज होगा। इसके किनारे मल्टी लॉजिस्टिक वेयरहाउस और इंडस्ट्रियल हब विकसित किए जाएंगे। करीब 170 से 200 किमी लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। भूमि अधिग्रहण और मुआवजे की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। उम्मीद है कि इसका निर्माण सिंहस्थ से पहले पूरा हो जाएगा। इससे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दक्षिणी राज्यों के ट्रैफिक को बेहतर ढंग से डायवर्ट और नियंत्रित किया जा सकेगा।

एनएचएआई भोपाल के रीजनल ऑफिसर एसके सिंह ने बताया कि तीनों रूट प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे जाएंगे। मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट से यात्रियों और वाहन चालकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।