Greenfield Expressway : 3 घंटे में पहुंचे देश के 2 बड़े शहर, इससे 3 राज्य जुड़ेंगे!
Bengaluru : राष्ट्रीय हाइवे विकास प्राधिकरण (NHAI) ने बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया। इसके एक हिस्से को जनता के लिए खोल दिया गया। इस एक्सप्रेसवे का पहला स्ट्रेच कर्नाटक से आंध्र प्रदेश के बीच है। इस 71 किलोमीटर के हिस्से को खोला जा चुका है। इसे ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे कहा जाएगा।
एनएचएआई ने बताया कि आम आदमी के लिए इस खंड पर ट्रैफिक खोल दिया गया, जो फिलहाल आंध्र प्रदेश तक जाता है। इसका इस्तेमाल सिर्फ लांग ड्राइव के लिए किया जा सकता है। क्योंकि, 71 किलोमीटर जाने के बाद यू टर्न लेकर वापस आना होगा। इसका मतलब है कि अभी यह एक्सप्रेसवे किसी शहर को नहीं जोड़ रहा।
एनएचएआई ने बताया कि आंध्र प्रदेश से तमिलनाडु यानी चेन्नई तक के खंड का निर्माण भी अंतिम चरण में है। इसे अगस्त, 2025 तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। 260 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे पूरा होने के बाद दोनों शहरों के बीच महज 3 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। अभी बेंगलुरु से चेन्नई जाने में करीब 6 घंटे का समय लग जाता है। मतलब कि इस एक्सप्रेसवे से महज आधे समय में इस दूरी को नापा जा सकेगा।
एनएचएआई ने बताया है कि अभी खोले गए 71 किलोमीटर के स्ट्रेच पर 3 एग्जिट प्वाइंट दिए गए हैं। जहां निर्माण पूरा हो गया वहां से लौटने के लिए यू-टर्न दिया गया है। इस पर जाने वालों से अभी कोई टोल भी नहीं वसूला जा रहा। लोग बिना कोई पैसा खर्च किए इस पर लांग ड्राइव का आनंद ले सकते हैं।
बंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेस वे को 17,900 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। इसे ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेसवे का नाम दिया गया। अभी यह 4 लेन का बनाया गया, जिसे बाद में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। यह एक्सप्रेस वे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों को जोड़ता है।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि बैंगलोर-चेन्नई एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद दक्षिणी राज्यों में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच बड़ा व्यापारिक केंद्र है और दोनों राज्यों के व्यापार को इस एक्सप्रेसवे से नया आयाम मिलेगा। यह एक्सप्रेसवे चित्तूर फॉरेस्ट डिवीजन और रयाला एलिफैंट रिजर्व के बीच से गुजरेगा।
इस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के बाद यह दूसरा ऐसा एक्सप्रेसवे होगा, जिसे हाई स्पीड की सड़क बनाया गया। अभी तक दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 350 किलोमीटर थी, जो इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद घटकर सिर्फ 260 किलोमीटर रह जाएगी।