छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: छतरपुर में दूल्हे के बीमार होने का मामला सामने आया है जहां शादी रस्मों के बीच दूल्हे की तबियत बिगड़ गई जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया जहां उसका ईलाज चल रहा है। तो वहीं दुल्हन मंडप के नीचे शादी और दूल्हे के इंतज़ार में घंटों बैठी रही और दूल्हे के लौटने के बाद ही बाकी की रस्में और शादी पूरी हो सकी।
●यह है पूरा मामला..
मामला छतरपुर जिले के पाटन गांव का है जहां जिले के ही रामटोरिया से 21 वर्षीय दूल्हा भरत कुशवाहा की बारात पाटन आई हुई थी जहां उसकी शादी आरती कुशवाहा से हो रही थी बराता आने तक बारात निकलना जयमाला तक तो सब ठीक था पर जैसे ही अन्य रस्मों की बारी आई तो दूल्हे की तबियत बिगड़ने लगी जिसे उसने परिजनों से बताया बाबजूद इसके उसने परिजनों ने उसे खुद को सम्हाले रखने को कहा कि किसी तरह मुहूर्त में ही शादी हो जाये और जैसे तैसे रात को मंडप में फेरे हुए उसे घबराहट उल्टी वगैरह होने लगी और मंडप में ही गस्त खाकर गिर गया परिजन उसे तत्काल स्थानीय अस्पताल ले गये जहां से उसे गंभीर हालात में जिला अस्पताल रेफर किया गया तो वहां से 80-90 किलोमीटर दूर पर्शनल गाड़ी से जिला अस्पताल लेकर आये जहां उसे मेडीसन वार्ड में भर्ती किया गया।
●गांव में नहीं थी लाईट हो रही थी उमस..
दूल्हा और परिजनों की मानें तो शाम से ही गांव में लाईट नहीं थी और रात भर नहीं रही जरनेटर और अन्य संसाधनों मोबाईल की रोशनी में रस्मअदायगी और शादी की रस्में निभाई गईं। इस बीच सभी के मोबाइल भी डिस्चार्ज हो गए गर्मी और उमस के कारण सभी का हाल बेहाल था हालात बिगड़ चली थी दुल्हा शेरवानी में था और लगातार तीन दिनों से जाग रहा था जिसके चलते उसकी हालत खराब हो चली थी और मंडप में ही गस्त खा गया।
●बिना छुट्टी कराये चला गया दूल्हा…
जिला अस्पताल में 4th फ्लोर मेडीसन वार्ड इंचार्ज गीता चौरसिया और मेघना सिंह ने बताया कि वार्ड में भर्ती मरीज/दूल्हे को बदलते मौसम और लगातार जागने और खान-पान में अनिलयमित्ता की वजह से की वज़ह से उसे डिहाइड्रेशन, वीकनेश, गैसाईडिया, होने की वजह से उसकी तबियत बिगड़ गई थी जिसे डॉक्टर्स ट्रीटमेंट पर मेडिसिन और बॉटलिंग दी गई तकरीबन 4-5 घंटे के ट्रीटमेंट के बाद वह स्वतः चले गये, क्यों कि उसकी शादी अधूरी थी और मंडप में दुल्हन भी इंतज़ार में थी।
●आधी रस्में हुईं आधी बाकी..
परिजनों की मानें शादी की आदि रस्में वरमाला, मंडप फेरे हो चुके थे, बाकी मंडप के नीचे की रस्में कुवंर कलेवा, तिलक, मंडप के नीचे का कुंवर कलेऊ/कलेवा, तिलक, सहित और भी अन्य रस्मों सहित दुल्हन की बिदाई नहीं हुई थी जिसे बीच में ही छोड़कर दूल्हा इलाज कराने दुल्हन के घर से तकरीबन 90-100 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय ईलाज कराने आया था।
●दुल्हन ने किया 7-8 घंटे इंतज़ार..
बता दें कि इस दौरान तकरीबन 7 से 8 घंटे दुल्हन दूल्हे के स्वास्थ्य होकर लौटने के इंतज़ार में मंडप में बैठी रही और से ईलाज करा लौटने के बाद बाकी की शादी/रस्में पूरी हुईं तब कहीं पूर्व समयानुसार 10 घंटे बाद जाकर विदाई रस्म और दुल्हन की ससुराल रवानगी हुई।