
Grounds for Divorce : पत्नी पर निगरानी के लिए CCTV कैमरे और माइक्रोफोन लगवाना कोर्ट ने क्रूरता माना, तलाक मंजूर!
Ahmedabad : मुंबई के एक पायलट को गुजरात हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में आदेश दिया कि वह अपनी पत्नी को आजीवन ₹1 लाख प्रति माह स्थायी भरण-पोषण के रूप में दे। कोर्ट ने यह फैसला पति द्वारा की गई क्रूरता के आधार पर तलाक देते हुए सुनाया।
यह मामला अहमदाबाद की एक शिक्षिका से जुड़ा है, जिन्होंने मई 2023 में मुंबई के एक पायलट से शादी की थी। यह पायलट की दूसरी शादी थी। उसकी पहली पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी, जिससे एक बेटा था. शादी से पहले महिला ने यह शर्त मान ली थी कि वह अपना बच्चा नहीं करेंगी और पति के बेटे की देखभाल करेंगी।
शादी के बाद दोनों के रिश्ते जल्दी बिगड़ गए। पायलट के पास मुंबई में तीन मकान थे, लेकिन उसने सभी संपत्तियां ट्रांसफर कर दीं और किराए के फ्लैट में रहने लगा। इसके बाद उसने घर के हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे और बाथरूम में माइक्रोफोन लगवा दिए। पत्नी ने इसे अपनी निजता और गरिमा के खिलाफ क्रूरता बताया।
पति ने माना कि उसने ये कैमरे और माइक्रोफोन लगवाए थे। लेकिन, उसने दावा किया कि यह परिवार की सुरक्षा के लिए किया गया था। हालांकि, कोर्ट ने उसकी यह दलील खारिज कर दी। स्थिति तब और बिगड़ी जब पत्नी ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। इसके बाद पति ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
वहीं, दोनों का साथ रहना मुश्किल हो गया और सिर्फ दो साल बाद, जुलाई 2025 में पत्नी अहमदाबाद लौट आई और तब से वहीं रह रही है। पति ने तलाक के लिए याचिका दायर की, जबकि पत्नी ने वैवाहिक अधिकारों की पुनर्स्थापना की मांग की। इसके बाद, अहमदाबाद की फैमिली कोर्ट ने तलाक देने से इनकार कर दिया और कहा कि पत्नी ने शादी के लिए संतान का अधिकार छोड़कर त्याग किया है और फिर मामला गुजरात हाईकोर्ट पहुंचा।
जस्टिस एवाई कोकजे और जस्टिस एनएस संजय गौड़ा की बेंच ने कहा कि पति-पत्नी का साथ रहना अब केवल क्रूरता को बढ़ावा देगा। कोर्ट ने कहा ‘शादी के शुरुआती समय में ही हर कमरे में सीसीटीवी कैमरे और बाथरूम में माइक्रोफोन लगाना यह दिखाता है कि इनके बीच सामान्य वैवाहिक जीवन संभव नहीं है।’ कोर्ट ने आगे कहा कि दोनों लंबे समय से अलग रह रहे हैं और उनके बीच कई मुकदमे चल रहे हैं, जिससे यह साफ है कि शादी अब बचाई नहीं जा सकती। अंतत: शादी को तलाक देकर खत्म किया गया और पति को आदेश दिया गया कि वह पत्नी को आजीवन 1 लाख रुपए प्रति माह भरण-पोषण के रूप में दे।





