Groupism : कांग्रेस में नेताओं की गुटबाजी, राहुल की यात्रा में अड़ंगेबाजी!

शिव पुराण कथा में राहुल गांधी को जाने से रोकने की कोशिश!

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Groupism : कांग्रेस में नेताओं की गुटबाजी, राहुल की यात्रा में अड़ंगेबाजी!

इंदौर। राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ों यात्रा’ के राष्ट्रीय संयोजक दिग्विजय सिंह ने दो दिन पहले यात्रा से जुड़ी तैयारी और जिम्मेदारी को लेकर कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं से चर्चा की। उन्होंने साफ़ शब्दों में हिदायत दी थी, कि कोई किसी की विधानसभा नहीं है, सभी को मिलकर काम करना है। दिग्विजय सिंह ने कहा था कि गुटबाजी दिखी, तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। लेकिन, उनकी हिदायत के 48 घंटे में यात्रा को लेकर गुटबाजी और राजनीति शुरू हो गई। कई पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को बदलाने की कोशिश की जा रही है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा में अड़ंगा डालने का आरोप बीजेपी पर लगा रहे हैं। लेकिन, ताजा जानकारी के मुताबिक, सबसे ज्यादा गुटबाजी और अड़ंगेबाजी कांग्रेस के नेता ही कर रहे हैं। यात्रा के 2 दिन आगे बढ़ने के बाद राहुल गांधी के यात्रा मार्ग में बदलाव करने की कोशिश इसलिए शुरू हो गई कि कहीं दूसरे नेता का कद न बढ़ जाए! ऐसी कई जानकारी सामने आई कि बड़े नेता ही सबसे ज्यादा गुटबाजी करने में लगे हैं।

बताया गया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, राहुल गांधी को इंदौर से उज्जैन की तरफ जाते समय विधायक संजय शुक्ला के विधानसभा क्षेत्र में होने वाली पं प्रदीप मिश्रा की शिव पुराण कथा में शामिल होना था। लेकिन, तारीख में बदलाव के बाद राहुल गांधी को वहां जाने से रोकने की कोशिशें शुरू हो गई। इंदौर के एक बड़े कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी को शिव पुराण कथा में जाने से रोकने के लिए पूरा जोर लगा दिया। उनका कार्यक्रम बदलाया जा रहा है। लेकिन, उनकी कोशिश कितना सफल हो पाती है, ये समय बताएगा। ये तो सिर्फ एक उदाहरण है, कांग्रेस के नेता एक-दूसरे को निपटाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।

गुटबाजी हुई तो मेरे से बुरा कोई नहीं
‘भारत जोड़ो यात्रा’ के राष्ट्रीय संयोजक दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को साकेत नगर में विधायक संजय शुक्ला के बंगले पर वरिष्ठ नेताओं के साथ यात्रा को लेकर चर्चा की थी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि 19 नवंबर से 4 दिसंबर से पहले जिसको जितनी खींचतान करना है, कर लो। इसके बाद कोई गुटबाजी हुई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। कोई किसी की विधानसभा नहीं है, सबको मिलकर काम करना है। प्रस्तावित कार्यक्रम सीमित लोगों से मिलने का था, लेकिन नेताओं की भीड़ से वे कुछ नाखुश भी दिखे। कई बार फोटो खिंचवाने की होड़ करते कार्यकर्ताओं पर भी झल्लाए।