
GST Fraud- EOW Action: GST अपवंचन मामले में रू 512 करोड़ के फर्जी बिलों का खुलासा,मुख्य आरोपी की 23 फर्जी फर्म उजागर
भोपाल: GST Fraud- EOW Action: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित GST अपवंचन मामले में रू 512 करोड़ के फर्जी बिलों का खुलासा हुआ है। मुख्य आरोपी की 23 फर्जी फर्म उजागर हुई है। इस फर्जीवाड़े में
150 बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल किया गया। आरोपी विनोद सहाय के कब्जे से कई ATM, बैंक अकाउंट पासबुक, एवं मोबाइल जब्त किए गए हैं। EOW द्वारा जांच निरंतर जारी है।
EOW से प्राप्त जानकारी के अनुसार
EOW द्वारा पंजीकृत अपराध क्रमांक 102/25 में आरोपी विनोद सहाय उर्फ एन. के. खरे, जो मूलतः ग्राम टिबरी, जबलपुर (म.प्र.) का निवासी है, को रांची (झारखंड) से गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच से स्पष्ट हुआ कि वह वर्ष 2009 से फर्जी आईडी, नकली नाम (जैसे नीलू सोनकर, एन. के. खरे) का उपयोग करते हुए विभिन्न फर्जी फर्मों एवं शेल कंपनियों के माध्यम से आर्थिक अपराधों में संलिप्त था। विनोद सहाय उर्फ एन.के. खरे द्वारा नियंत्रित एवं संचालित फर्जी कंपनियों के नेटवर्क ने अब तक लगभग ₹512 करोड़ की बोगस इनवॉइसिंग विभिन्न नामों से दर्शाई है। यह इनवॉइसिंग वास्तव में किसी भी वास्तविक वस्तु या सेवा के क्रय-विक्रय पर आधारित नहीं थी, बल्कि यह केवल कागजों पर दिखाया गया फर्जी व्यापार (Bogus Supply) था, जिसका वास्तविक उद्देश्य था—
खरीदार कंपनियों को फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (Fake ITC) का लाभ देना,GST का अपवंचन करना,
फर्जी दस्तावेजों, डमी प्रोपराइटर और डिजिटल पहचान का उपयोग कर मनी लॉन्ड्रिग जैसी आर्थिक आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना ।
इन ₹512 करोड़ की इनवॉइस वैल्यू का कोई भौतिक स्टॉक, गोदाम, माल ढुलाई, परिवहन दस्तावेज या बैंकिंग आधार नहीं पाया गया। इन लेनदेन में प्रयुक्त कंपनियाँ जैसे— नर्मदा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोल, जगदम्बा कोल केरियर्स, महक इंटरप्राइजेज, के. डी. सेल्स कॉर्पोरेशन, कोराज टेक्निक, महामाया ट्रेडर्स, इत्यादि इन सभी का या तो संचालन विनोद सहाय स्वयं करता था, या फिर उसने अन्य नामों के माध्यम से नेटवर्क फैला रखा था। GST पोर्टल पर इन कंपनियों से कर योग्य आपूर्ति (Outward Supply) के रूप में दिखाया गया आंकड़ा ₹500 करोड़ से अधिक है, जिसमें से अधिकांश पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) पास किया गया, जिससे सरकार को सीधे करोड़ों का नुकसान हुआ।

यह भी पाया गया कि इस नेटवर्क के लेनदेन के पैटर्न, बैंक खातों, मेल आईडी, मोबाइल नंबर और आईटीसी क्लेम के पूर्ण डिजिटल समन्वय था, जिससे यह एक Organized GST Scam Syndicate सिद्ध होता है।
अब तक की जांच में आरोपी के नाम से 14 फर्जी फर्मों और 9 अन्य व्यक्तियों के नाम से संचालित फर्मों, कुल मिलाकर 23 से अधिक फर्मों का संचालन सामने आया है।




