GST Reforms: प्रधानमंत्री के भाषण के कुछ ही घंटों में वित्त मंत्रालय ने GST में बड़े बदलाव के प्रस्ताव रखे, 4 की जगह अब केवल 2 स्लैब होंगे

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GST Reforms: प्रधानमंत्री के भाषण के कुछ ही घंटों में वित्त मंत्रालय ने GST में बड़े बदलाव के प्रस्ताव रखे, 4 की जगह अब केवल 2 स्लैब होंगे

 

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के भाषण के कुछ ही घंटों में वित्त मंत्रालय ने GST में बड़े बदलाव के प्रस्ताव रखे है।

प्रस्ताव के तहत आम आदमी, महिलाओं, छात्रों, मध्यम वर्ग और किसानों के लिए GST की दरों में कमी की जाएगी. इसमें वस्तुओं का वर्गीकरण संबंधी विवादों का निपटारा, दरों में स्थिरता और उद्योगों के लिए बेहतर पूर्वानुमान होगा.

*कब तक लागू होंंगे सुधार?* 

वित्त मंत्रालय ने GST में बड़े बदलाव को जो प्रस्ताव रखा है, उसके तहत मौजूदा 5%, 12%, 18% और 28% के स्लैब खत्म कर दिए जाएंगे. इनकी जगह सिर्फ दो स्लैब, ‘स्टैंडर्ड’ और ‘मेरिट’ होंगे. इसके अलावा कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर ही स्पेशल रेट लगेगा. सरकार का दावा है कि इससे टैक्स स्ट्रक्चर सरल होगा और आम आदमी, किसानों, महिलाओं, छात्रों और मिडिल क्लास को राहत मिलेगी. पीएम मोदी ने अपने भाषण में इस बात के साफ संकेत दिए हैं कि ये बदलाव इस साल दिवाली से लागू हो सकते हैं.

*उद्योगों और कारोबार को क्या फायदा?* 

नए GST ढांचे से इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर सुधरेगा, वर्गीकरण विवाद कम होंगे और रेट स्थिरता से बिजनेस प्लानिंग आसान होगी. MSME और स्टार्टअप्स के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और प्री-फिल्ड रिटर्न की सुविधा मिलेगी, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी. एक्सपोर्टर्स को ऑटोमेटेड रिफंड प्रोसेस से फायदा होगा.

*रेवेन्यू और इकोनॉमी पर क्या असर?* 

2024-25 में 9.4% की सालाना वृद्धि के साथ GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. सरकार का मानना है कि नए सुधारों से खपत बढ़ेगी, आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और देश के फॉर्मलाइजेशन को और गति मिलेगी. इससे रेवेन्यू और बढ़ेगा. इसके अलावा इकोनॉमी को भी गति मिलेगी.

 *सरकार ने क्या कहा?* 

वित्त मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि GST से जुड़े सुधार तीन पिलर्स पर आधारित होंगे. इनमें स्ट्रक्चरल रिफॉर्म, रेट रेशनलाइजेशन और ईज ऑफ लिविंग शामिल हैं. इन तीन पिलर्स पर आधारित प्रस्ताव को लेकर केंद्र का कहना है कि ये बदलाव सहकारी संघवाद की सच्ची भावना के मुताबिक है. इसके तहत केंद्र राज्यों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. आने वाले हफ्तों में राज्यों के साथ व्यापक सहमति बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि नेक्स्ट जेनरेशन सुधारों को लागू किया जाए।