
Guilty of Bribery : CEO जिला पंचायत ने सरपंच पाटीदार को रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने पर किया पद से पृथक!
Ratlam : जिले की ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा (जनपद पंचायत पिपलोदा) के सरपंच जितेंद्र पाटीदार के विरुद्ध शिकायतकर्ता पिंटू पिता अंबाराम मुनिया (मैनेजर हर्ष इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी) निवासी रतलाम द्वारा आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन को शिकायत की गई थी कि ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा से 200 डंपर मुरम की आवश्यकता होने से खनिज विभाग की अनुमति प्राप्त करने हेतु ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा से अनापत्ति प्रमाण-पत्र की मांग की गई। सरपंच ग्राम पंचायत हरियाखेड़ा जितेंद्र पाटीदार द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र जारी करने हेतु रिश्वत की मांग करने पर सरपंच जितेन पाटीदार को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए 23 जनवरी 25 को आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई उज्जैन द्वारा अधिनियम 1981 (संशोधित 2018) की धारा 7 के तहत प्रकरण पंजीकृत किया जाकर एफआईआर प्रेषित करते हुए सरपंच के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई हेतु लेख किया गया।
उक्त आधार पर सरपंच जितेंद्र पाटीदार के विरुद्ध न्यायालय जिला पंचायत रतलाम में धारा 40 के तहत दर्ज प्रकरण में अनावेदक सरपंच की समुचित सुनवाई उपरांत प्रकरण में अनावेदक सरपंच जितेन्द्र पाटीदार को लोक सेवक होकर कार्य के बदले रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े जाकर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का दोषी पाया जाना प्रमाणित पाया गया।
जितेंद्र पाटीदार को लोकहित में पद पर बनें रहना अवांछनीय पाया जाने के कारण CEO जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 (1)का (ख) के तहत सरपंच ग्राम पंचायत हरियाखेड़ी को पद से पृथक किया गया है। मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 40 (1) के तहत पद से पृथक किया गया। अब यह व्यक्ति तत्काल ऐसी किसी भी पंचायत का सदस्य नहीं रहेगा जिसका कि वह सदस्य हैं ऐसा व्यक्ति इस अधिनियम के अधीन निर्वाचन के लिए 6 वर्ष की अवधि के लिए निरर्हित हो जाएगा!





